RBI 30 सितंबर को इंटरेस्ट रेट 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है। मनीकंट्रोल के पोल से यह संकेत मिले हैं। इस पोल में 20 इकोनॉमिस्ट्स ने हिस्सा लिए। इसकी वजह यह है कि इनफ्लेशन अब भी केंद्रीय बैंक के टारगेट से ज्यादा है। इसलिए फिलहाल महंगाई को काबू में करने पर RBI का फोकस बना रहेगा।
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 28 सितंबर यानी बुधवार को शुरू हो गई है। इसके नतीजे 30 सितंबर यानी शुक्रवार को आएंगे। अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाता है तो यह इंटरेस्ट रेट में लगातार चौथी वृद्धि होगी। इससे रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच जाएगा।
अभी रेपो रेट 5.40 फीसदी पर है। वृद्धि के बाद यह 5.90 फीसदी पर पहुंच जाएगा, जो अप्रैल 2019 के बाद सबसे ज्यादा रेपो रेट होगा। इस साल मई से अब तक RBI रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ा चुका है। RBI यह स्पष्ट कर चुका है कि फिलहाल उसकी प्राथमिकता महंगाई को काबू में करना है। अगस्त में रिटेल इनफ्लेशन फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गया। जुलाई में इसमें थोड़ी नरमी देखने को मिली थी। तब यह 6.71 फीसदी था।
मनीकंट्रोल के पोल में शामिल सभी 20 इकोनॉमिस्ट्स का मानना था कि केंद्रीय बैंक शुक्रवार को रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है। DBS Group की सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा, "MPC इनफ्लेशन के मुकाबले ग्रोथ को लेकर ज्यादा आश्वस्त है। इसलिए इस हफ्ते केंद्रीय बैंक का रुख आक्रामक रहेगा। हमने पहले इस हफ्ते 0.35 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था। अब हमने इसे बढ़ाकर 0.50 फीसदी कर दिया है। इससे रेपो रेट 5.9 फीसदी हो जाएगा।"
इस पोल में हालांकि इकोनॉमिस्ट्स के बीच इस बात को लेकर एक राय नहीं थी कि MPC अपनी पॉलिसी में नरमी को वापस लेगा या लिक्विडिटी की स्थिति को देखते हुए अपना रुख 'न्यूट्रल' रखेगा। पिछले कुछ समय से लिक्विडिटी पर दबाव देखने को मिला है। इससे इंटरबैंक कॉल रेट बढ़कर रेपो रेट से ज्यादा हो गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की इकोनॉमिस्ट सोनल बाधन ने कहा कि लिक्विडिटी में कमी को देखते हुए केंद्रीय बैंक इसे बढ़ाने के लिए कुछ उपायों का ऐलान कर सकता है। इसमें ओपन मार्केट ऑपरेशंस शामिल होंगे।
पोल में शामिल इकोनॉमिस्ट्स ने बताया कि MPC का रुख आक्रामक रहने की कई वजहें हैं। इनफ्लेशन लगातार 6 फीसदी के लेवल से ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय बैंक इसे जल्द से जल्द अपनी टारगेट रेंज में लाना चाहता है। इनफ्लेशन लगातार तीन तिमाहियों से आरबीआई की 2-6 फीसदी टारगेट रेंज से ऊपर बना हुआ है। उधर, अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट बढ़ाने का सिलसिला जारी रखा है। उसने 21 सितंबर को इंटरेस्ट रेट 0.75 फीसदी बढ़ाकर 3-3.25 फीसदी कर दिया। उसने आगे भी इंटरेस्ट रेट बढ़ाने के संकेत दिए हैं।