RIL अपनी फाइनेंशिल सर्विसेज कंपनी Jio Financial Services को जल्द स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट कराएगी। कंपनी ने कहा है कि उसे अपने फाइनेंशियल बिजनेस के जल्द लिस्ट होने की उम्मीद है। कंपनी का अपने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज यूनिट को बड़ी एनबीएफसी बनाने का भी प्लान है। कंपनी डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से रिटेल बिजनेस पर फोकस करना चाहती है। RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस बारे में कंपनी की सालाना रिपोर्ट में बताया है। कंपनी के शेयरहोल्डर्स की सालाना बैठक 28 अगस्त को होने वाली है। कंपनी आम तौर पर सालाना बैठक में अपने शेयरहोल्डर्स को अपने फ्यूचर प्लान की जानकारी देती है। वह इस मौके पर अपने बड़े प्रोजेक्ट्स का भी ऐलान करती है।
28 अगस्त को एजीएम में बड़े ऐलान की उम्मीद
इस महीने की आखिर में होने वाली कंपनी की सालाना आम बैठक पर एनालिस्ट्स की नजरे लगी हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें उम्मीद है कि कंपनी इस मौके पर अपने फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है। कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, क्लीन एनर्जी और डिजिटल बिजनेस से जुड़ी भविष्य की योजनाओं के बारे में शेयरधारकों को बता सकती है। रिलायंस स्ट्रेटेजिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड का नाम बदलकर कंपनी जियो फाइनेंशियल करने जा रही है। इसकी वैल्यूएशन करीब 20 अरब डॉलर लगाई गई है। पिछले महीने इस बिजनेस को रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों में स्पेशल सेशन का आयोजन किया गया था।
जियो फाइनेंशिल ने ब्लैकरॉक से मिलाया हाथ
रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस नई कंपनी का रेवेन्यू अभी बहुत कम है। लेकिन, इसकी रिलायंस इंडस्ट्रीज में 6.1 फीसदी हिस्सेदारी है। जियो फाइनेंशियल पहले ही BlackRock के साथ पार्टनरशिप का ऐलान कर चुकी है। दोनों कंपनियां मिलकर एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाएंगी। RIL के चेयरमैन ने कहा, "जियो फाइनेंशियल सर्विसेज सिंबल, एफॉर्डेबल और इनोवेटिव डिजिटल-फर्स्ट सॉल्यूशंस ऑफर करना चाहती है।" रिलायंस इंडस्ट्री का बिजनेसेज में बड़ा बदलाव लाने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। इससे यह कंपनी बीते दशक में कंज्यूमर सर्विसेज सेक्टर की बड़ी कंपनी बन गई है। इससे पहले इसका फोकस रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स बिजनेस पर था।
जियो फाइनेंशियल के बारे में RIL का बड़ा प्लान
रिलायंस इंडस्ट्री ने जियो फाइनेंशियल को इंडिया की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में एक बनाने का प्लान बनाया है। इससे कंपनी का बिजनेस एंपायर अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग और टेंसेंट होल्डिंग जैसा हो जाएगा।