राजस्थान की कंपनी सहस्र सेमीकंडक्टर्स ने ममोरी चिप्स का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह इंडिया में बनी पहली मेमोरी चिप्स है। राजस्थान के भिवाड़ी जिले में कंपनी का एसेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग प्लांट है। इस प्लांट में इस महीने की शुरुआत में उत्पादन शुरू हो गया। इस तरह सहस्र अमेरिकी कंपनी Micron से आगे निकल गई है। मैक्रोन ने जून की शुरुआत में गुजरात में सेमींकडक्टर एसेंबली और टेस्टिंग प्लांट शुरू करने का ऐलान किया था। उसने इस प्लांट पर करीब 22,540 करोड़ रुपये निवेश की बात कही थी। सहस्र ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर अमृत मानवानी ने कहा कि उनकी कंपनी 'मेड इन इंडिया' माइक्रो-एसडी कार्ड्स बेचने वाली इंडिया की पहली कंपनी बन गई है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, मानवानी ने कहा कि कंपनी के प्रोडक्ट्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर शानदार रिस्पॉन्स मिल रहे हैं। मनीकंट्रोल इस खबर को स्वतंत्र रूप से वेरिफाय नहीं कर पाया।
2000 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने 27 अक्टूबर को इंडिया के सेमीकंडक्टर का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए देश में शानदार टैलेंट पूल है। सहस्र शब्द संस्कृत का है। इसका मतलब हजार होता है। इस कंपनी की शुरुआत 2000 में हुई थी। तब आईआईटी-कानपुर से पढ़ाई करने वाले एक स्टूडेंट ने इसकी शुरुआत की थी। इस महीने की शुरुआत में कंपनी के सीईओ ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा था कि इस कंपनी में शुरुआती निवेश करीब 350 करोड़ रुपये का है। यह पहले फेज का इनवेस्टमेंट है।
कंपनी अगले साल तक पूर्ण क्षमता से उत्पादन शुरू कर देगी
भिवाड़ी स्थित कंपनी के प्लांट की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ाने का प्लान है। इस साल के अंत तक इसकी क्षमता 30 फीसदी तक पहुंच जाएगी। अगले चरण में कंपनी अपनी पूरी क्षमता तक उत्पादन शुरू कर सकती है। इसके 2024 की शुरुआत में शुरू हो जाने की उम्मीद है। दूसरे चरण में कंपनी एडवान्स पैकेजिंग ऑफ प्रोडक्ट्स बनाना शुरू कर देगी। इनमें मेमोरी चिप्स भी शामिल होंगी। कंपनी को सरकार की दो स्कीमों का फायदा मिला है। इनमें पहली स्कीम PLI है। इसके तहत देश में उत्पादन करने वाली कंपनियों को सरकार इनसेंटिव देती है। दूसरी स्कीम है-प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स (SPECS)। इस स्कीम के तहत कंपनी को कैपिटल एक्सपेंडिचर का 25 फीसदी वापस मिल जाएगा।