हटा दें यह शर्त, शपूरजी पलोनजी ग्रुप ने एनसीडी होल्डर्स से किया आग्रह

शपूरजी पलोनजी ग्रुप (SP Group) ने अपने नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) होल्डर्स से कुछ प्रतिबंधात्मक शर्तों को हटाने की मंजूरी मांगी है। एसपी ग्रुप ने यह आग्रह ऐसे समय में किया है, जब ग्रुप की एक कंपनी गोस्वामी इंफ्राटेक ने एफकॉन इंफ्रा के आईपीओ और गोपालपुर पोर्ट में ग्रुप की हिस्सेदारी अदाणी ग्रुप को बेचकर एनसीडी का 14300 करोड़ रुपये चुका दिया

अपडेटेड Dec 06, 2024 पर 11:07 PM
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एसपी ग्रुप को स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट के लोन को रिफाइनेंस करने के लिए फंड जुटाने में देरी हो रही है।

शपूरजी पलोनजी ग्रुप (SP Group) ने अपने नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) होल्डर्स से कुछ प्रतिबंधात्मक शर्तों को हटाने की मंजूरी मांगी है। ऐसा इसलिए ताकि ग्रुप की स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प प्राइवेट लिमिटेड ने टाटा संस के शेयरों को गिरवी रखकर जो लोन लिया है, उसे रीफाइनेंस किया जा सके। मनीकंट्रोल को यह जानकारी NCD होल्डर्स को भेजे गए एक नोटिस से मिली है। एसपी ग्रुप ने यह आग्रह ऐसे समय में किया है, जब ग्रुप की एक कंपनी गोस्वामी इंफ्राटेक ने एफकॉन इंफ्रा के आईपीओ और गोपालपुर पोर्ट में ग्रुप की हिस्सेदारी अदाणी ग्रुप को बेचकर एनसीडी का 14300 करोड़ रुपये चुका दिया।

जून 2023 में गोस्वामी इंफ्राटेक ने रुपये की करेंसी में जीरो-कूपन एनसीडी के जरिए ₹14,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। एसपी ग्रुप के कॉरपोरेट फाइलिंग्स के मुताबिक ये फंड्स मिस्त्री परिवार ने स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट के जरिए वर्ष 2021 में 3.5 साल की मेच्योरिटी वाले बॉन्ड्स जरिए जुटाए थे। इन बांड्स को मुख्य रूप से अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट मैनेजर Ares SSG और हेज फंड Farallon Capital ने सब्सक्राइब किया था।

कर्ज का बोझ हल्का, इसलिए किया आग्रह


एसपी ग्रुप का कहना है कि पोर्ट्स के मोनेटाइजेशन और एफकॉन्स मोनेटाइजेशन इवेंट के बाद अब डीबेंचर्स काफी हद तक डीलीवरेज हो चुके हैं यानी कि कर्ज का बोझ काफी हल्का हो चुका है और स्टर्लिंग की देनदारी के मुकाबले अब बहुत कम ही बचा है। ऐसे में एसपी ग्रुप ने स्टर्लिंग के देनदारी की रिफाइनेंसिंग में देरी का जिक्र करते हुए एनसीडीहोल्डर्स से अनुरोध किया है कि वे ट्रांजैक्शन डॉक्यूमेंट्स में से कुछ प्रतिबंधात्मक शर्तें हटा दें क्योंकि ये शर्तें एसपी ग्रुप को स्टर्लिंग देनदारी के लेंडर्स से बातचीत नहीं करने दे रही हैं।

इसलिए एसपी ग्रुप कर रहा कोशिश

एसपी ग्रुप को स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट के लोन को रिफाइनेंस करने के लिए फंड जुटाने में देरी हो रही है। इसकी टाटा संस में 9% से अधिक हिस्सेदारी है। मनीकंट्रोल ने 6 मई को जानकारी दी थी कि एसपी ग्रुप ने टाटा सन्स के शेयर गिरवी रखकर पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) से ₹20,000 करोड़ के कर्ज के एक हिस्से को रिफाइनेंस करने के लिए $120 बिलियन जुटाने के लिए बातचीत शुरू की है। हालांकि नवंबर में एनालिस्ट कॉल में पीएफसी के चेयरमैन ने बताया कि उनके बोर्ड ने शपूरजी पलोनजी ग्रुप के फाइनेंसिंग प्रपोजल पर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया है। एसपी ग्रुप ने जो प्रतिबंधात्मक शर्तें जो हटाने का आग्रह किया है, अगर वे हट जाती हैं तो एसपी ग्रुप को टाटा संस के शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए स्टर्लिंग के लोन को रिफाइनेंस करने के लिए फंड जुटाने की मंजूरी मिल जाएगी।

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