Zee-Sony Merger: जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) और सोनी (Sony) के बीच विलय सौदा रद्द हो जाने के बाद शुरू हुई मुकदमेबाजी में सोनी को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) से पहला झटका मिला है। SIAC ने जी एंटरटेनमेंट को विलय योजना लागू करने के निर्देश के लिए NCLT में जाने से रोकने की सोनी समूह की याचिका को खारिज कर दिया है। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) और जापान के सोनी समूह की भारतीय शाखा सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (वर्तमान नाम Culver Max Entertainment) के बीच होने वाले 10 अरब डॉलर के विलय समझौते को सोनी ने देरी और कुछ अन्य कारणों के चलते तोड़ दिया।
सोनी ने आरोप लगाया कि ZEEL ने समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया। सोनी ने विलय की शर्तों को पूरा करने में Zee की विफलता के लिए टर्मिनेशन फीस के रूप में 9 करोड़ डॉलर की मांग करते हुए सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का रुख किया। जी एंटरटेनमेंट ने सोनी के इस दावे का विरोध किया है और सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की है। ZEEL ने इस फैसले के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLT) में याचिका दायर की है।
ZEEL ने शेयर बाजार को बताया SIAC ने एक इमर्जेंसी मध्यस्थता फैसले में ZEEL पर रोक लगाने की कल्वर मैक्स और बीईपीएल (बांग्ला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड) की याचिका को खारिज कर दिया। SIAC ने अपने आदेश में कहा कि उसके पास ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है।
Sony बोली- SIAC के फैसले से निराश
Sony का कहना है कि वह SIAC के इस फैसले से निराश है। लेकिन वह सिंगापुर में एक पूर्ण SIAC ट्राइब्यूनल के सामने इस मामले में सख्ती से मध्यस्थता जारी रखेगी और सोनी के मर्जर एग्रीमेंट को टर्मिनेट करने के अधिकार पर आगे बढ़ा जाएगा। साथ ही टर्मिनेशन फीस और और अन्य उपायों की मांग भी की जाएगी। आगे कहा कि हम सिंगापुर और भारत दोनों में अपनी पोजिशन को लेकर आश्वस्त हैं।
SIAC एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ऑर्गेनाइजेशन है। इसकी शुरुआत 1 जुलाई 1991 को सिंगापुर में की गई थी। यह मध्यस्थता के अपने नियमों और UNCITRAL आर्बिट्रेशन रूल्स के तहत मध्यस्थता मामलों को देखता है। SIAC ने ऑस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग एसएआर, भारत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, थाइलैंड, यूके, यूएसए और वियतनाम सहित कई देशों के मध्यस्थता मामलों में अपना फैसला सुनाया है। यह दुनिया भर के पक्षों को केस मैनेजमेंट सर्विसेज देता है।