प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही देश की सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली स्टार्टअप, बायजूस (Byju's) के ऑफिसों में छापेमारी कर तलाशी ली। ED की इस कार्रवाई ने स्टार्टअप में पैसे लगाने वाले वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फर्मों को 'देखो और इंतजार करो' के मोड में डाल दिया है। दरअसल उन्हें डर है कि इस कार्रवाई का आगे चलकर देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर भी असर पड़ सकता है।
एक निवेशक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "बायजूस ने जिस तरह अपनी विदेशी सब्सडियरी कंपनियों का स्ट्रक्चर तैयार किया है, उसे देखते हुए कुछ समय से इस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही थी। वे (कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन) दुबई और अमेरिका से सबकुछ चला रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा है कि यह एक सामान्य तलाशी है और वे सहयोग कर रहे हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं किसी भी निवेशक के विश्वास को हिला देती हैं।"
निवेशक ने आगे कहा, "यह सच है कि बायजूस भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप है। लेकिन यह कुछ समय से परेशानियों का सामना कर रहा है, जो कि अपने आप में काफी अलग है। ऐसे में मैं पक्के तौर पर नहीं कहता है कि इसका व्यापक स्टार्टअप इकोसिस्टम पर असर पड़ेगा या नहीं।" बायजूस ने कोई टिप्पणी नहीं की।
इंडस्ट्री के लोगों ने मनीकंट्रोल को बताया कि स्टार्टअप्स को निवेशकों से पैस आने के तरीके और उसके स्रोत को लेकर अधिक जांच का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर से उन स्टार्टअप्स को, जिन्होंने पिछले 10 सालों में विदेशी फंड हाउसों से काफी बड़ी राशि जुटाई है और जिनके कारोबार एक अहम हिस्सा भारत से बाहर है।
मालपानी वेंचर्स (Malpani Ventures) के फाउंडर अनिरुद्ध मालपानी ने बायजूस पर ईडी की तलाशी के संभावित असर के बारे में बात करते हुए कहा, "इस तरह की कार्रवाई के दौरान, भले ही आपकी किताबें साफ-सुथरी दिखाई दें, लेकिन इन लोगों को कुछ न कुछ मिल जाता है।"
'आमदनी का बड़ा हिस्सा विदेशों में कारोबार से'
Byju's के मामले से जुड़ी चिंताओं के बारे में बताते हुए मालपानी ने कहा, "कंपनी की आमदनी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उसके विदेशी कारोबार से आता है, जिसकी जांच जांच की जाएगी। इससे इस तरह की दूसरी कंपनियों और उनके निवेशकों के बीच कुछ डर पैदा होगा। मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि RBI, विदेशी मुद्रा की आवाजाही की निगरानी को लेकर अधिक सावधान, ईमानदार और आलोचनात्मक हो गया है।
ED ने 29 अप्रैल को जारी एक बयान में बताया था कि उसने फॉरेन करेंसी मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के प्रावधानों के तहत बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े तीन ठिकानों पर छापेमारी की। ED ने कहा कि इन छापों के दौरान मिले आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट और डिजिटल डेटा जब्त किए गए।
एक दूसरे निवेशक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'मुझे अच्छे से नहीं पता कि जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स में कोई नई जानकारी है और लोग इससे डरेंगे। बायजूस के लिए अधिकतर नकारात्मक बातों को पहले ही निवेशक देख चुके हैं। यह तथ्य -है कि वे समय पर अपने फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स जमा नहीं करते हैं। हेज-फंड जैसे निवेशक वैसे भी पिछले साल भारत से वापस चले गए हैं और एडटेक फर्मों पर पहले ही इसका असर देखा जा चुका है।"
उन्होंने कहा, 'अगर आने वाले हफ्तों में कुछ आपराधिक या गलत चीज सामने आती है तो ये कार्रवाई लोगों को डरा देगी।
बताया जा रहा है कि ED, बायजूस के खिलाफ आगे की जांच कर रही है। हालांकि उसने कंपनी और उसके फाउंजर रवींद्रन के खिलाफ अभी तक कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की है। संस्थापकों और निवेशकों में इस बात को लेकर मतभेद है कि क्या इन कार्रवाई का बायजूस के रोजाना के कारोबार और इसकी फंड जुटाने की योजना पर कोई तत्काल असर पड़ेगा।