देश की सबसे बड़ी स्टार्टअप बायजूस (Byju's) करीब 1 अरब डॉलर का फंड जुटाने के लिए संभावित नए शेयरधारकों के साथ आखिरी दौर की बातचीत कर रही है, ताकि स्टार्टअप पर इसके फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) के नियंत्रण को कम करने के कुछ निवेशकों की कोशिशों को रोका जा सके। ब्लूमबर्ग ने मंगलवार 27 जून को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। रिपोर्ट में Byju's नए निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए उदार तरीका अपना रही है और उन्हें लिक्विडेशन की स्थिति में प्रेफरेंशियल ट्रीटमेंट देने का भी वादा कर रही है।
बायजूस के किसी भी मौजूदा शेयरधारक को अभी लिक्विडेशन की स्थिति में प्रेफरेंशियल ट्रीटमेंट का हक नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बायजूस अगले दो हफ्तों में 1 अरब डॉलर के इस फंडिंग राउंड को पूरा कर सकती है। बायजूस कई महीनों से नई फंडिंग को जुटाने की कोशिश कर रही है।
हालांकि यह साफ नहीं है क्या रवीन्द्र अंत में फंडिंग को जुटा पाएंगे या नहीं। स्टार्टअप पर उनके नियंत्रण बनाए रखने के लिए यह फंडिंग काफी अहम हो सकती है। Byju's को कभी 22 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन के साथ देश का सबसे मूल्यवान माना जाता था।
कोरोना महामारी के बाद एडटेक सेक्टर की ग्रोथ धीमी हुई है। बायजूस भी इससे प्रभावित हुई है। इसके चलते कंपनी के शक्तिशाली शेयरधारकों और लेनदारों ने फाउंडर रवींद्रन के स्टार्टअप पर असर को कम करने की कोशिश शुरू कर दी। इस बीच स्टार्टअप ने अपने नतीजे जारी करने की डेडलाइन और 1.2 अरब डॉलर के लोन पर इंटरेस्ट से चूक कर गई।
पिछले हफ्ते बायजूस के तीन बड़े निवेशकों- पीक XV, प्रोसस एनवी और चैन-जुकरबर्ग इनिशिएटिव - के प्रतिनिधियों ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। वहीं डेलॉयट ने बायजूस के ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया। इससे बायजूस के लिए परेशानियां और बढ़ गई हैं।