दुनिया की सबसे अधिक मूल्यवान एडटेक फर्म बायजू (Byju’s) की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट (Think & Learn Pvt) ने अपनी ही पूर्व स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (Aakash Educational Services) से अनसिक्योर्ड लोन के तौर पर 300 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने बताया कि यह रकम 'प्रमुख व्यावसायिक गतिविधियों' के लिए जुटाई गई है।
Byju’s के इस कदम से पता चलता है कंपनी इस समय नकदी संकट का सामना कर रही है। बता दें कि बायजू देश की सबसे बड़ी स्टार्टअप है। कंपनी नकदी संकट का सामना ऐसे समय में कर रही है, जब ऑनलाइन लर्निंग सॉल्यूशंस की मांग कम रही है और इसके साथ ही इस सेक्टर में आने वाला निवेश भी घट रहा है।
आकाश एजुकेशनल सर्विसेज ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को भेजे एक दस्तावेज में बताया, "थिंक एंड लर्न को अपनी प्रमुख व्यावसायिक गतिविधियों के लिए फंड की जरूरत है। इसलिए थिंक एंड लर्न के अनुरोध पर, कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 3 अक्टूबर को आयोजित अपनी बैठक में, थिंक एंड लर्न असुरक्षित लोन के तौर पर अधिकतम 300 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी है। अभी इस पर जनरल मीटिंग में सदस्यों से मंजूरी लिया जाना बाकी है।"
दस्तावेज में दी गई जानकारी के मुताबिक, इस असुरक्षित लोन को 7.50 फीसदी के सालाना दर पर देने को मंजूरी दी गई है।
Byju’s ने अप्रैल 2021 में आकाश एजुकेशन सर्विसेज का अधिग्रहण किया था। यह अधिग्रहण करीब 95 करोड़ डॉलर में हुआ था, जो भारत के एजुकेशन इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अधिग्रहण था।
Byju’s ने इस मामले में मनीकंट्रोल के भेजे सवालों को जवाब नहीं दिया। वहीं आकाश एजुकेशनल सर्विसेज ने टिप्पणी करने से मना कर दिया है। न्यूज एजेंसी 'द मार्निंग कॉन्टेक्स्ट' ने इस बारे में सबसे पहले रिपोर्ट की थी।
बायजू ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी से यह असुरक्षित लोन ऐसे समय में लिया है, जब कंपनी एडटेक सेक्टर में फंडिंग की कमी के बीच अपने लागत को घटाने के लिए आक्रामक तरीके अपना रही है। बायजू ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह अगले 6 महीने में अपने 2,5000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी, जिससे की वह मार्च तक खुद को मुनाफे में ला सके।