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Byju's News: बायजूज की तीन कंपनियों होंगी दिवालिया? अमेरिका में लेंडर्स ने दायर की याचिका

Byju's News: वित्तीय और कानूनी दिक्कतों से जूझ रही दिग्गज एडुटेक कंपनी बायजूज की मुश्किलें और बढ़ रही हैं। कुछ लेंडर्स ने मिलकर यानी लेंडर्स के एक ग्रुप ने कोर्ट से बायजूज की कई यूनिट्स पर दिवालिएपन की निगरानी को कहा है यानी दिवालया होने की याचिका दायर की है। लेंडर्स का दावा है कि कंपनियों से लाखों डॉलर्स निकालकर बाहर भेजे गए हैं

अपडेटेड Jun 06, 2024 पर 8:41 AM
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Byju's News: बायजूज के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन पर लेंडर्स ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इन तीन कंपनियों की वित्तीय स्थिति के बारे जानकारी देने से इनकार करके डेट कॉन्ट्रैक्ट्स का उल्लंघन किया है।

Byju's News: वित्तीय और कानूनी दिक्कतों से जूझ रही दिग्गज एडुटेक कंपनी बायजूज की मुश्किलें और बढ़ रही हैं। कुछ लेंडर्स ने मिलकर यानी लेंडर्स के एक ग्रुप ने कोर्ट से बायजूज की कई यूनिट्स पर दिवालिएपन की निगरानी को कहा है यानी दिवालया होने की याचिका दायर की है। लेंडर्स का दावा है कि कंपनियों से लाखों डॉलर्स निकालकर बाहर भेजे गए हैं। एचपीएस इनवेस्टमेंट पार्टनर्स की अगुवाई में लेंडर्स ने न्यूरॉन फ्यूल (Neuron Fuel Inc.), एपिक! क्रिएशंस (Epic! Creations Inc.) और टैंजिबल प्ले इंक (Tangible Play Inc.) के खिलाफ बुधवार को डेलवेयर में इनवालंटरी चैप्टर 11 केसेज फाइल किए। ये तीनों कंपनियां पहले बायजूज की अल्फा के पास थीं। अल्फा इस साल 120 करोड़ डॉलर के कर्ज के डिफॉल्ट होने पर दिवालिया हो चुकी है।

लेंडर्स के क्या हैं आरोप और मांग

बायजूज के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन पर लेंडर्स ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इन तीन कंपनियों की वित्तीय स्थिति के बारे जानकारी देने से इनकार करके डेट कॉन्ट्रैक्ट्स का उल्लंघन किया है। चूंकि ये दिवालियापन का सामना कर रहे हैं तो अब ये देनदार हैं। लेंडर्स ने याचिका में आग्रह किया है कि इन कंपनियों के खर्च पर तुरंत रोक लगनी चाहिए और उन्हें चलाने के लिए एक ट्रस्टी नियुक्त किया जाना चाहिए। लेंडर्स का कहना है कि उन्होंने पता लगाया है कि ये वित्तीय दबावों से जूझ रहे हैं और इनसे पैसे निकाले जा रहे हैं, जो भयावह है।


Byju’s का क्या कहना है?

बायजूज की योजना इस केस को चुनौती देने की है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लेंडर्स कर्ज के वैधानिक मालिक नहीं हैं क्योंकि वे 'अयोग्य' निवेशकों की सूची में हैं, जिन्हें डेट कॉन्ट्रैक्ट्स के तहत कर्ज रखने से रोक दिया गया है। बायजूज का कहना है कि लेंडर्स इन कंपनियों के क्रेडिटर्स होने का दावा कर रहे हैं जबकि लोन का पैसा ड्यू है और इसका पेमेंट किया जाना है, इस पर फैसला आना बाकी है। बायजूज के प्रवक्ता जिस मामले में फैसला आने की बात कर रहे हैं, वह 120 करोड़ डॉलर के लोन से जुड़ा है, जिस पर अभी फैसला आना है कि बायजूज इस पर डिफॉल्ट हुई है या नहीं। ये सभी कंपनियों बायजूज की अल्फा के पास मार्च 2023 तक थीं और फिर अल्फा पर ग्लास ट्रस्ट का नियंत्रण हो गया।

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