मुश्किलों में घिरी एडटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) को आक्रामक तरीके से कोर्स बेचने के लिए जाना जाता रहा है। हालांकि अब कंपनी ने अपने गिरते रेवेन्यू और मनोबल को बढ़ाने के लिए ग्राहकों से अधिक सहानुभूति रखने वाले सेल्स अप्रोच को अपनाने का फैसला किया है। इतना ही नहीं, कंपनी ने अपने कोर्सेज की फीस को भी 30 प्रतिशत तक घटा दिया है। साथ ही सेल्स टीम के कर्मचारियों के लचीले वर्किंग ऑवर की पॉलिसी लाई है। मनीकंट्रोल को इस मामले से सीधे वाकिफ लोगों ने यह जानकारी दी।
बायजूज ने यह रणनीति ऐसे समय में अपनाई है, जब एडटेक कंपनियों के लिए ब्रिकी का पीक समय चल रहा है। आमतौर पर टेस्ट प्रीपरेशन करने वाली कंपनियों की सबसे अधिक बिक्री अप्रैल-जून तिमाही में ही होती है।
सूत्रों के मुताबिक, बायजूज के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने करीब 1,500 सेल्स स्टाफ के साथ एक बैठक की और उनसे कोर्स बेचने के दौरान अधिक सहानुभूति वाला नजरिए अपनाने की अपील की। यह पिछले कुछ सालों से चली आ रही बायजूज की सेल्स रणनीति के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें उसे स्टाफ आक्रामक तरीके से कोर्सेज बेचते थे।
एक सूत्र ने बताया, "बायजू ने पुश-आधारित की जगह पुल-आधारित सेल्स मॉडल को अपना लिया है। अब बच्चों और उनके मातापिता को रेस में पीछे छूट जाने का डर दिखाने की जगह, प्यार और अच्छी समझ विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। मैनेजर्स अब कोच के रूप में काम करेंगे और सेल्स टीम को सपोर्ट करेंगे, जबकि अभी तक मैनेजर्स सख्ती से टारगेट पूरा करवाने पर जोर देते थे।"
बैठक के दौरान रवींद्रन ने कहा, "आपका काम बेचना नहीं है, बल्कि सलाह देना है। आप सेल्स करने वाले लोग नहीं हैं; आप एजुकेशन काउंसलर्स हैं, जो छात्रों को बेहतर स्टूडेंट्स बनने के लिए सशक्त बनाते हैं।"
इसके अलावा, सेल्स टीम के कर्मचारियों को अपनी शर्तों पर काम करने की सुविधा होगी। अब पहले की तरह कॉल पर बिताए गए घंटों की संख्या की कोई ट्रैकिंग नहीं होगी। फाउंडर ने कहा, “अगर आप रोजाना सिर्फ आधा घंटा खर्च करके रिजल्ट हासिल कर सकते हैं, तो कृपया ऐसा करें। अगर आप केवल वीकेंड पर ही काम करना चाहते हैं? तो भी ठीक है।"