Byju's Lays-off: भारत की सबसे बड़ी एडटेक स्टार्टअप बायूजस (Byju's) ने अपने सभी डिपार्टमेंट में 500 से 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। कम से कम चार स्रोतों ने नाम न छापने की शर्त पर हमारे सहयोगी CNBC-TV18 से पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारियों को पर्सनल मीटिंग को और फोन कॉल के जरिए निकाला गया। सबसे अधिक कर्मचारियों की छंटनी प्लेटफॉर्म टीमों, ब्रांड टीम, मार्केटिंग टीम, बिजनेस टीम, प्रोडक्ट और टेक टीम में थी। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा, "कर्मचारियों, खासतौर से कटेंट टीम के लोगों को आधिकारिक HR पोर्टल पर खुद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।"
एक अन्य सूत्र ने कहा कि करीब 50-60 प्रतिशत सेल्स टीम को तिमाही असेसमेंट के बाद PIP (परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान) पर रखा गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ सीनिय मैनेजर की भी छंटनी हुई है। इस बीच, BYJU’S ने इन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
छंटनी की यह खबर ऐसे समय में आई है, जब बायजूस ने न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन B (TLB) में तेजी लाने को चुनौती देते हुए एक मुकदमा दायर किया है। हालांकि लेंडर्स के एक समूह ने कहा कि बायजूस की इस याचिका में कोई दम नहीं है। BYJU’S ने नवंबर 2021 में लोन के जरिए 1.2 अरब डॉलर लोन जुटाए थे, जिसके करीब 85 प्रतिशत हिस्से पर लेंडर्स का स्वामित्व है।
BYJU'S ने न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन B (TLB) में तेजी लाने को चुनौती देते हुए एक मुकदमा दायर किया है। तदर्थ उधारदाताओं के एक समूह ने इसे "मेरिटलेस सूट" कहा। नवंबर 2021 में BYJU’S द्वारा जुटाए गए 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण का सामूहिक रूप से 85 प्रतिशत से अधिक का ऋणदाताओं का स्वामित्व है।
BYJU'S ने बीते 6 जून को न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और लेंडर्स पर "शिकारी रणनीति" में शामिल होने का आरोप लगाया था। किसी भारतीय कंपनी की ओर से यह इस तरह संभवत: पहली कार्रवाई थी। BYJU's ने अपने लेनदारों में से एक (रेडवुड) को लेंडर्स के रूप में अयोग्य घोषित करते हुए एक नोटिस भी जारी किया है।