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Byju's नहीं बेच पाएगी Aakash Education में 6% हिस्सेदारी, क्या है वजह

Byju's Crisis: भारत में सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर नियमों के तहत नियुक्त एक आपातकालीन मध्यस्थ की ओर से 4 अप्रैल को निर्देश जारी किए गए थे। MEMG की ओर से मध्यस्थता प्रक्रिया को लेकर Byju's की टीम कंपनियों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए इसे हल करने के लिए बातचीत कर रही है। Byju’s में पिछले 12 महीनों में हजारों कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है

अपडेटेड Apr 06, 2024 पर 8:11 AM
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Byju's लिक्विडिटी की कमी का सामना कर रही है और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है।

Byju's Crisis: एडटेक स्टार्टअप Byju's की पेरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ (Think & Learn Private Limited) फिलहाल आकाश एजुकेशन सर्विसेज लिमिटेड (Aakash Education Services Limited) में करीब 6 प्रतिशत हिस्सेदारी नहीं बेच सकेगी। यह आदेश एक आपातकालीन मध्यस्थता अदालत ने दिया है। आकाश एजुकेशन, थिंक एंड लर्न की सहायक कंपनी है, जो अरबपति डॉक्टर रंजन पई के नेतृत्व वाले MEMG फैमिली ऑफिस से जुटाए गए लगभग 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रही है। MEMG फैमिली ऑफिस ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मार्च में मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की थी।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले एक कानूनी प्रतिनिधि ने बताया, "आपातकालीन मध्यस्थ ने Byju's को MEMG फैमिली ऑफिस से लगभग 350 करोड़ रुपये का लोन लेने के समय, कंपनी की ओर से दी गई अंडरटेकिंग्स के अनुसार आकाश एजुकेशन में लगभग 6 प्रतिशत हिस्सेदारी का ट्रांसफर न करने या कोई अधिकार क्रिएट न करने के लिए कहा है।"

4 अप्रैल को निर्देश जारी


प्रतिनिधि ने कहा कि भारत में सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर नियमों के तहत नियुक्त एक आपातकालीन मध्यस्थ की ओर से 4 अप्रैल को निर्देश जारी किए गए थे। Byju's के एक सूत्र ने कहा कि मध्यस्थता आदेश काफी हद तक यथास्थिति बरकरार रखता है और किसी भी तरह से आकाश एजुकेशन या थिंक एंड लर्न की वैल्यू के लिए हानिकारक नहीं है। आगे कहा कि MEMG की ओर से मध्यस्थता प्रक्रिया को लेकर Byju's की टीम कंपनियों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए इसे हल करने के लिए बातचीत कर रही है।

संकट से जूझ रही Byju's

संकटग्रस्त एडटेक फर्म Byju's लिक्विडिटी की कमी का सामना कर रही है और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है। Byju’s ने लगातार दूसरे महीने कर्मचारियों की सैलरी रोकी है। कंपनी ने कहा है कि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि को जारी करने के लिए फिलहाल NCLT से हरी झंडी का इंतजार है, जिससे वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है। खस्ता हालत की वजह से Byju’s में पिछले 12 महीनों में हजारों कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है।

कारोबार को संभालने की कवायद में को-फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) की निजी संपत्ति भी इसमें लग चुकी है। ‘Forbes World’s Billionaires List 2024’ के मुताबिक, रवींद्रन की संपत्ति घटकर शून्य पर आ गई है, जो एक साल पहले 17,545 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) थी।

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