मुनाफा बढ़ाने के लिए टेक कंपनियां अपनी लागत कम कर रही हैं। इसी कड़ी में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने 30 फीसदी एंप्लॉयीज को एनुअल सैलरी हाइक नहीं देने का फैसला किया है। इस फैसले के चलते कंपनी के करीब 5 हजार सीनियर स्टॉफ की सैलरी में इस साल कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। एंप्लॉयीज को कंपनी ने 22 फरवरी को ई-मेल के जरिए इसकी सूचना दे दी है कि ग्रेड 10 और इससे ऊपर लेवल के एंप्लॉयीज को इस बार हाइक नहीं मिलेगा। हालांकि बोनस और एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन अलॉटमेंट तय योजना के हिसाब से ही जारी रहेगी। कंपनी का सालाना अप्रेजल पूरा हो चुका है और 1 अप्रैल से इंक्रीमेंट यानी बढ़ी हुई सैलरी लागू हो जाएगी।
बोनस और स्टॉक ऑप्शन योजना में कोई बदलाव नहीं
फ्लिपकार्ट के मुताबिक मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति में इस बार सिर्फ 70 फीसदी एंप्लॉयी की सैलरी इंक्रीमेंट करने का फैसला किया गया है यानी 30 फीसदी एंप्लॉयी की सैलरी में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। इसके अलावा स्टॉक ऑप्शन एलोकेशन और बोनस की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रहेगी। फ्लिपकार्ट अपने एंप्लॉयीज से 70 करोडॉ डॉलर के एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शंस को बायबैक करेगी। यह बायबैक फोनपे को अलग करने की प्रक्रिया के तहत हो रहा है। पहले फोनपे पर फ्लिपकार्ट का मालिकाना हक था जो अब इससे अलग हो गई है। हालांकि दोनों ही कंपनियों की पैरेंट कंपनी अभी भी वालमार्ट ही है।
Flipkart और PhonePe ने बिगाड़ी Walmart की सेहत
फोनपे और फ्लिपकार्ट की पैरेंट कंपनी वालमार्ट है यानी इन दोनों कंपनियों के कारोबार का असर वालमार्ट की सेहत पर भी दिखेगा। पिछली तिमाही में वालमार्ट की वैश्विक कारोबार से आय कांस्टैंट करेंसी टर्म में 72 फीसदी गिरकर 30 करोड़ डॉलर रह गई। इसकी आय में फ्लिपकार्ट और फोनपे के अलग होने के चलते गिरावट आई है यानी कि री-ऑर्गेनाइजेशन ने वालमार्ट की सेहत पर असर डाला है। फ्लिपकार्ट का कांट्रिब्यूशन मार्जिन पॉजिटिव है और लगातार बढ़ रही है। वालमार्ट के वैश्विक ई-कॉमर्स सेल्स में एक बड़ा हिस्सा फ्लिपकार्ट का है।