Ruchi Kalra and Asish Mohapatra : ऐसे दौर में जब स्टार्टअप को खड़ा करना और प्रॉफिट में लाना दोनों ही काम चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। एक भारतीय दंपति ने स्टार्टअप इंडस्ट्री में कमाल कर दिया है। पति-पत्नी दोनों ने न सिर्फ अपने-अपने स्टार्टअप्स को 1 अरब डॉलर वैल्युएशन वाला यानी यूनिकॉर्न बनाने में कामयाबी हासिल की है, बल्कि खास बात यह है कि दोनों के स्टार्टअप प्रॉफिटेबिल हैं। वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय दंपति हैं, जिन दोनों के स्टार्टअप की वैल्युएशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रुचि कालरा (Ruchi Kalra) द्वारा स्थापित एक डिजिटल लेंडिंग स्टार्टअप ऑक्सिजो फाइनेंशियल सर्विसेज (Oxyzo Financial Services) ने बुधवार को कहा कि उसने अल्फा वेव ग्लोबल, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, नॉर्वेस्ट वेंचर पार्टनर्स और अन्य से 20 करोड़ डॉलर की पहली फंडिंग हासिल की है। इससे एक साल से भी कम समय पहले उनके पति आशीष महापात्रा की ऑफबिजनेस (OfBusiness) ने सॉफ्टबैंक कॉर्प और अन्य के निवेश से यह वैल्युएशन हासिल कर ली थी।
प्रॉफिटेबिल हैं दोनों के स्टार्टअप
38 वर्षीय कालरा और 41 वर्षीय महापात्रा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र हैं और उनकी मुलाकात मैकिंजी एंड कंपनी में काम करने दौरान हुई थी। दोनों के स्टार्टअप प्रॉफिटेबिल हैं, जो नई ग्रोथ कंपनियों के लिए असाधारण उपलब्धि है। कालरा ऑक्सिजो की सीईओ हैं, वहीं महापात्रा OfBusiness के सीईओ हैं।
मैट्रिक्स पार्टनर्स और क्रिएशन इनवेस्टमेंट ने भी ऑक्सिजो में निवेश किया, जो भारत की स्टार्टअप इंडस्ट्री में सबसे बड़ी ए राउंड की फंडिंग्स में से एक है। ऑक्सीजन और ओजोन शब्दों को मिलाकर बनी ऑक्सिजो की स्थापना कालरा, महापात्रा और तीन अन्य वर्ष 2017 में OfBusiness की एक शाखा के रूप में की थी। वहीं OfBusiness की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी।
ऑक्सिजो डाटा की कमी के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है और बिजनेसेस को परचेज फाइनेंसिंग उपलब्ध कराती है, कर्ज की कमी वाले ऐसे देश में कैश फ्लो आधारित लोन देती है, जहां छोटे और मझोले कारोबारियों को कार्यशील पूंजी के लिए जूझना पड़ता है।
क्या बिजनेस करती है OfBusiness
OfBusiness को औपचारिक रूप से OFB Tech Pvt के नाम से जाना जाता है। कंपनी छोटे और मझोले बिजनेसेस को स्टील, डीजल, फूड ग्रेन और इंडस्ट्रियल केमिकल्स जैसे कच्चे माल बल्क में आपूर्ति करती है। महापात्रा के मुताबिक, बीते साल अप्रैल में सॉफ्टबैंक और अन्य ने जब इसमें निवेश किया था तो उसकी वैल्युएशन 1 अरब डॉलर के पार चली गई थी।