ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर्स नितिन और निखिल कामत बिजनेस से जुड़े फैसलों को लेकर काफी सुलझे हुए दिखते हैं। दोनों भाइयों ने अपनी बिजनेस पार्टनरशिप को लेकर ऐसा तालमेल बैठाया कि आज उनका बिजनेस और उनके बीच की बॉन्डिंग दोनों ही बरकरार हैं। निखिल कामत ने कुछ वक्त पहले एक पॉडकास्ट के दौरान अपने भाई नितिन के साथ काम करने के अनुभवों के बारे में खुलकर बात की।
उन्होंने बताया कि दोनों भाई कैसे कामकाज को बांटे हुए हैं, कैसे बाहरी निवेशकों के बिना अपने अरबों डॉलर के कारोबार को बरकरार रखे हुए हैं। निखिल कामत ने कहा कि दोनों बिल्कुल अलग-अलग काम करते हैं। निखिल शेयर बाजार और निवेश पर फोकस करते हैं, जबकि नितिन प्रोडक्ट, ब्रोकरेज और पीपुल ऑपरेशंस संभालते हैं। निखिल के मुताबिक, "हम एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आते। यही हमारे लिए कारगर है।"
'भाई होने के नाते बेहद फॉर्मल थे हम'
दोनों भाइयों के बीच यह तालमेल यूं ही नहीं आ गया। शुरू से ही दोनों भाइयों ने अपनी पार्टनरशिप को औपचारिकता के साथ अपनाया। निखिल ने लगभग 16 साल पहले कामत एसोसिएट्स की शुरुआत के दौर को याद करते हुए कहा, "हमारा सब कुछ कागज पर था। हम भाई होने के नाते बेहद फॉर्मल थे।"
इस सब के बावजूद टकराव पैदा होते हैं। निखिल कामत ने स्वीकार किया कि कई बार अहंकार हावी हो जाता है। कई बार गलतफहमियां भी हो जाती हैं। इससे निपटने के लिए, वे एक स्पष्ट ऑपरेशनल बंटवारे पर भरोसा करते हैं। निखिल के मुताबिक, "अगर शेयर बाजार, निवेश या ट्रेडिंग से जुड़ा कोई मामला है, तो आखिरी फैसला मैं लेता हूं। अगर प्रोडक्ट, लोग या ब्रोकरेज का मामला है, तो फैसला नितिन का होता है।"
आधुनिक कंपनी के कलेवर में पुराने जमाने की दुकान है जीरोधा
कंपनी चलाने के तरीके के बारे में निखिल का कहना है कि उनके और उनके भाई के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन एक चीज जो दोनों भाइयों ने नहीं की वह है बाहरी निवेशक। निखिल के मुताबिक, "हमारे पास निवेशक नहीं थे, हमारे ऊपर कोई कर्ज नहीं था, हमने इसे एक आधुनिक कंपनी के पर्दे में एक पुराने जमाने की दुकान की तरह चलाया।