TCS Layoffs: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में होने वाली है छंटनी, 12000 से ज्यादा लोगों की जाएगी नौकरी

TCS Layoffs: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के CEO के. कृतिवासन ने कहा है कि छंटनी का असर हमारी ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग 2 प्रतिशत पर पड़ेगा, मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल पर। जून 2025 तिमाही में TCS के कर्मचारियों की संख्या 6,13,000 थी

अपडेटेड Jul 27, 2025 पर 3:41 PM
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छंटनी वित्त वर्ष 2026 में होगी, यानि कि अप्रैल 2025 से मार्च 2026 के बीच।

Tata Consultancy Services Layoffs: टाटा ग्रुप की IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) छंटनी करने वाली है। कंपनी अगले साल अपनी वर्कफोर्स में से 2 प्रतिशत यानि लगभग 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को कम कर देगी। यह कदम उन सभी देशों और डोमेन के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, जहां TCS ऑपरेशनल है। छंटनी वित्त वर्ष 2026 में होगी, यानि कि अप्रैल 2025 से मार्च 2026 के बीच।

अप्रैल-जून 2025 तिमाही में टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,000 थी। इस आंकड़े के बेसिस पर 2 प्रतिशत की कमी से लगभग 12,200 कर्मचारी प्रभावित होंगे। TCS के कर्मचारियों की संख्या में अप्रैल-जून 2025 तिमाही में शुद्ध 5090 कर्मचारियों की बढ़ोतरी हुई।

भविष्य के लिए तैयार और चुस्त रहने की जरूरत: TCS CEO


TCS के CEO के. कृतिवासन ने रविवार को मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हम नई टेक्नोलॉजी, खासकर AI और ऑपरेटिंग मॉडल में बदलावों पर जोर दे रहे हैं। काम करने के तरीके बदल रहे हैं। हमें भविष्य के लिए तैयार और चुस्त रहने की जरूरत है। हम बड़े पैमाने पर AI का इस्तेमाल कर रहे हैं और भविष्य के लिए जरूरी स्किल्स का मूल्यांकन कर रहे हैं। हमने एसोसिएट्स में काफी निवेश किया है ताकि उन्हें करियर ग्रोथ और डिप्लॉयमेंट के मौके दिए जा सकें। फिर भी कुछ ऐसे रोल हैं, जहां रीडिप्लॉयमेंट प्रभावी नहीं रहा है। छंटनी का असर हमारी ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग 2 प्रतिशत पर पड़ेगा, मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल पर। यह कोई आसान फैसला नहीं था और सीईओ के तौर पर मेरे लिए यह अब तक के सबसे कठिन फैसलों में से एक है।"

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मजबूत TCS के लिए लेना होगा मुश्किल फैसला

कृतिवासन ने आगे कहा कि एक मजबूत TCS बनाने के लिए हमें यह एक मुश्किल फैसला लेना होगा। कंपनी नोटिस पीरियड पे और एडेड सेवरेंस पैकेज के अलावा, प्रभावित कर्मचारियों के लिए इंश्योरेंस बेनिफिट्स बढ़ाने और आउटप्लेसमेंट के मौके प्रदान करने पर भी विचार करेगी। कृतिवासन ने कहा है कि यह AI के कारण नहीं, बल्कि भविष्य के लिए स्किल विकसित करने के लिए है। यह डिप्लॉयमेंट की व्यवहारिकता को लेकर है, न कि इसलिए कि हमें कम लोगों की जरूरत है।"

नई बेंच पॉलिसी भी पैदा कर रही चिंता

इससे पहले खबर आई थी कि टीसीएस की नई बेंच पॉलिसी के चलते हजारों एंप्लॉयीज की नौकरी जा सकती है। यह पॉलिसी 12 जून 2025 को लागू हुई। आईटी इंडस्ट्री में बेंच साइज/बेंच्ड एंप्लॉयीज से मतलब पेरोल वाले उन एंप्लॉयीज से है, जो किसी भी एक्टिव प्रोजेक्ट पर नहीं होते हैं। ये बैकअप के रूप में रहते हैं और क्लाइंट की ओर से अचानक मांग आने की स्थिति में इन्हें यूटिलाइज किया जाता है। हालांकि किसी भी प्रोजेक्ट पर काम न करते हुए भी इन्हें सैलरी मिलती रहती है।

नई पॉलिसी के तहत कर्मचारियों को एक साल में कम से कम 225 बिलेबल डेज मेंटेन करने होंगे। इसका मतलब है कि उन्हें कम से कम 225 बिजनेस डेज ऐसे प्रोजेक्ट पर रहना होगा, जिससे कंपनी को रेवेन्यू मिलेगा।साथ ही बेंच पर रहने की अवधि अब 35 दिन तक सीमित रहेगी। प्रोजेक्ट से दूरी के टाइम को बेंच होल्डिंग टाइम कहा जाता है।

Ritika Singh

Ritika Singh

First Published: Jul 27, 2025 3:14 PM

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