व्हीकल्स के लिए कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड के शेयरहोल्डर्स ने जरूरी बहुमत के साथ प्रिया सचदेव कपूर को कंपनी में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाने को मंजूरी दे दी है। कंपनी को Sona Comstar के नाम से भी जाना जाता है। यह वही कंपनी है, जिसके चेयरमैन संजय कपूर का 12 जून 2025 को लंदन में पोलो खेलते समय निधन हो गया था। प्रिया, संजय की तीसरी पत्नी हैं। 2017 में दोनों की शादी हुई।
वहीं प्रिया सचदेव की यह दूसरी शादी रही। उनकी शादी पहले अमेरिकी होटल कारोबारी विक्रम चटवाल से हुई थी। दोनों का 2011 में तलाक हो गया। संजय कपूर, एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के पूर्व पति भी थे। दोनों की शादी 2003 में हुई थी और 2016 में उनका तलाक हो गया। संजय की सबसे पहली पत्नी का नाम नंदिता महतानी है। दोनों की शादी साल 1996 से 2000 तक चली। संजय कपूर के निधन के बाद 23 जून, 2025 को जेफरी मार्क ओवरली कंपनी के चेयरमैन हैं।
सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड ने शेयर बाजारों को बताया है कि शेयरधारकों ने 25 जुलाई को हुई सालाना आम बैठक (एजीएम) में प्रिया सचदेव कपूर की बोर्ड में नियुक्ति को मंजूरी दी। प्रिया 23 जून, 2025 से नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर बोर्ड में एडिशनल डायरेक्टर बनाई गई हैं। उनकी नियुक्ति कंपनी की कॉरपोरेट प्रमोटर Aureus Investments Pvt Ltd के नॉमिनेशन पर हुई है। इसकी Sona Comstar में 28.02% हिस्सेदारी है। बाकी 71.98% हिस्सेदारी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है।
और क्या है प्रिया सचदेव कपूर की पहचान
प्रिया सचदेव कपूर एक बिजनेसवुमन और इनवेस्टमेंट प्रोफेशनल हैं। वह ऑरियस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर भी हैं। प्रिया दिल्ली के ऑटोमोबाइल डीलर अशोक सचदेव की बेटी हैं। प्रिया के पास यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) से गणित और बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री है। उन्होंने लंदन में क्रेडिट सुइस फर्स्ट बोस्टन में मर्जर एंड एक्वीजीशन में अपना करियर शुरू किया था। फिर भारत आकर प्रिया ने ऑटोमोटिव रिटेल, बीमा, फैशन और ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर्स में वेंचर्स का नेतृत्व किया। प्रिया, TSG इंटरनेशनल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडर और रॉक एन शॉप की को-फाउंडर भी हैं। वह संजय कपूर द्वारा शुरू की गई टीम, ऑरियस पोलो से भी जुड़ी हैं।
₹30000 करोड़ के बिजनेस एंपायर में छिड़ा पारिवारिक विवाद
संजय कपूर अपने पीछे 30,000 करोड़ रुपये का एंपायर छोड़ गए हैं। इस साम्राज्य पर नियंत्रण को लेकर कानूनी और पारिवारिक मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। संजय की मां और सोना समूह की पूर्व चेयरपर्सन रानी कपूर ने 24 जुलाई को बोर्ड को लिखे एक लेटर में एजीएम को दो सप्ताह के लिए टालने की मांग रखी थी। लेकिन कंपनी के बोर्ड ने ऐसा नहीं किया। रानी कपूर ने आरोप लगाया कि जहां एक ओर परिवार संजय की मौत पर शोक मना रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग कंट्रोल हासिल करने और पारिवारिक विरासत हड़पने की कोशिश में हैं।
रानी कपूर ने दावा किया कि भावनात्मक तनाव के दौरान उनसे जबरदस्ती डॉक्युमेंट साइन कराए गए और उन्हें उनके वित्तीय खातों की एक्सेस नहीं दी। वैसे तो उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि उनका इशारा प्रिया सचदेव कपूर की ओर था। हालांकि कंपनी ने कहा है कि संजय कपूर के निधन के बाद रानी कपूर से किसी भी डॉक्युमेंट पर साइन नहीं लिए गए हैं।
रानी कपूर ने यह भी कहा कि उनके दिवंगत पति सुरिंदर कपूर की 30 जून, 2015 की वसीयत के हिसाब से वह उनकी संपत्ति की एकमात्र लाभार्थी हैं। इस तरह से सोना समूह की कंपनियों में वह एक प्रमुख शेयरहोल्डर हैं। लेकिन सोना कॉमस्टार ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा कि उसके रिकॉर्ड के मुताबिक रानी कपूर 2019 से कंपनी की शेयरहोल्डर नहीं हैं।