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Tata Trusts: क्या टाटा ट्रस्ट्स में बढ़ती गुटबाजी का असर टाटा संस की लिस्टिंग पर पड़ेगा? जानिए क्या है पूरा मामला

टाटा ट्रस्ट्स जिस तरह टाटा संस को कंट्रोल को करने की कोशिश कर रहा है, उससे ट्रस्ट्स के दोनों गुटों के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। दरअसल, रतन टाटा के निधन के बाद 11 अक्टूबर, 2024 को नोएल टाटा को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। बताया जाता है कि नोएल टाटा के कामकाज के तरीके पर 4 ट्रस्टीज ने असंतोष जताया है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Oct 06, 2025 पर 3:32 PM
Tata Trusts: क्या टाटा ट्रस्ट्स में बढ़ती गुटबाजी का असर टाटा संस की लिस्टिंग पर पड़ेगा? जानिए क्या है पूरा मामला
Ratan Tata ने दशकों तक टाटा ट्रस्ट्स का नेतृत्व किया था। कभी उनकी अथॉरिटी को ट्रस्टीज और नॉमिनी डायरेक्टर्स की तरफ से चैलेंज नहीं किया गया था।

टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड की बैठक 10 अक्टूबर को होने वाली है। इस बैठक पर करीबी नजरें हैं। शायद ही कभी टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड की बैठक में ऐसी दिलचस्पी पहले कभी देखी गई होगी। इसकी वजह टाटा ट्रस्ट्स के दो गुटों के बीच बढ़ती वर्चस्व की लड़ाई है। टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में करीब 66 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा संस देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी की वजह से इस समूह के कामकाज पर टाटा ट्रस्ट्स का खासा असर है।

नोएल टाटा के काम करने के तरीके से कई ट्रस्टीज नाखुश

सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि Tata Trusts जिस तरह Tata Sons को कंट्रोल को करने की कोशिश कर रहा है, उससे ट्रस्ट्स के दोनों गुटों के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। दरअसल, रतन टाटा के निधन के बाद 11 अक्टूबर, 2024 को नोएल टाटा को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। बताया जाता है कि नोएल टाटा के कामकाज के तरीके पर 4 ट्रस्टीज ने असंतोष जताया है। उनका कहना है कि टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से टाटा संस के बोर्ड में नॉमिनेट किए गए डायरेक्टर्स समूह के कामकाज से जुड़ी पूरी जानकारियां उनके साथ शेयर नहीं कर रहे हैं।

आरबीआई टाटा संस को लिस्टिंग के लिए कह चुका है

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