टीसीएस के एंप्लॉयीज में डर का माहौल है। उन्हें नौकरी जाने की आंशका सता रही है। टीसीएस की नई बेंच पॉलिसी इसकी वजह है। टीसीएस इंडिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। टाटा समूह की इस कंपनी में 6 लाख से ज्यादा एंप्लॉयीज काम करते हैं। आखिर टीसीएस की नई बेंच पॉलिसी क्या है, इस पॉलिसी की वजह से कितने एंप्लॉयीज की नौकरी जा सकती है?
12 जून को लागू हुई थी नई बेंच पॉलिसी
TCS ने 12 जून को अपनी नई बेंच पॉलिसी शुरू की थी। यह काफी सख्त पॉलिसी है। इस पॉलिसी में कहा गया है कि कंपनी का एंप्लॉयी मैक्सिमम 35 दिन तक बेंच पर रह सकता है। इसका मतलब है कि अगर किसी एंप्लॉयी को इस अवधि के दौरान प्रोजेक्ट में नहीं डाला जाता है तो उसके करियर में रुकावट आ सकती है। इतना नहीं नहीं, उसकी नौकरी भी जा सकती है। यह पॉलिसी 12 जून को आई थी। इसका मतलब है कि 18 जुलाई को इस पॉलिसी के 35 दिन से ज्यादा हो गए हैं।
कई एंप्लॉयीज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं
टीसीएस के कई एंप्लॉयीज में डर का माहौल है। कुछ एंप्लॉयीज ने इस बारे में रेडिट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है। इनमें बताया गया है कि एंप्लॉयीज पर ऐसे रोल को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जिसका उनकी ट्रेनिंग से कोई संबंध नहीं है। कई एंप्लॉयीज को ऐसे लोकेशन पर ज्वाइन करने के लिए कहा जा रहा है, जहां वे जाना नहीं चाहते। Reddit पर एक एंप्लॉयी ने लिखा है कि एंप्लॉयीज को छंटनी के लिए तैयार रहना चाहिए।
दूसरे बैकग्राउंड वाले प्रोजेक्ट में जाने का दबाव
एक दूसरे यूजर ने लिखा है, "मेरी ट्रेनिंग जावा में हुई थी। लेकिन बेंच पर एक महीने तक रहने के बाद मुझ पर एक सपोर्ट प्रोजेक्ट को ज्वाइन करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसका Java या Python से कुछ भी लेनादेना नहीं है।" न्यूज18 स्वतंत्र रूप से ऐसे दावों की जांच नहीं कर पाया है। नई बेंच पॉलिसी में कहा गया है कि एंप्लॉयीज को 12 महीने में कम से कम 225 बिजनेस डेज ऐसे प्रोजेक्ट पर रहना होगा, जिससे कंपनी को रेवेन्यू मिलेगा। यह पॉलिसी सभी एंप्लॉयीज पर लागू है।
टीसीएस के इंडिया और दुनिया में 6 लाख से ज्यादा एंप्लॉयीज
टीसीएस ने आधिकारिक रूप से बेंच पर रहने वाले अपने एंप्लॉयीज की संख्या नहीं बताई है। लेकिन, इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक, आम तौर पर कंपनी के करीब 15-18 फीसदी एंप्लॉयीज बेंच पर होते हैं। इंडिया और विदेश में मिलाकर टीसीएस के करीब 6,13,000 एंप्लॉयीज हैं। इसका मतलब है कि नई बेंच पॉलिसी की वजह से हजारों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। हालांकि, कुछ एंप्लॉयीज का कहना है कि कंपनी की नई पॉलिसी सही है, क्योंकि इससे उन एंप्लॉयीज की छुट्टी हो जाएगी, जो लंबे समय से बेंच पर बने हुए हैं।