संकटों से जूझ रहे स्विट्जरलैंड के प्रमुख बैंक क्रेडिट स्विस (Credit Suisse) को उसकी लंबे समय से प्रतिद्वंदी रही UBS बैंक ने 3.2 अरब डॉलर की एक भारी-भरकम डील में खरीदने का ऐलान किया है। हालांकि करीब 8 महीने पहले तक क्रेडिट स्विस के चेयरमैन एक्सेल लीमैन (Axel Lehmann) ने बैंक के किसी अन्य संस्थान में मर्ज करने या इसके बेचे जाने की किसी भी संभावना से इनकार करते रहे थे, जबकि वह लगातार कई तिमाहियों से घाटा दर्ज कर रही थी। अब जब बैंक को लगा है कि रेगुलेटर्स कभी भी उसके दरवाजे पर आ सकते हैं और उसे बंद करने का आदेश दे सकते हैं, तब उसने रातोंरात अपने को बचाने के लिए UBS से हाथ मिला लिया।
क्रेडिट स्विस के मामले ने ग्लोबल लेवल पर बैंकिंग इंडस्ट्री के संकट को और बढ़ा दिया है। अमेरिका के दो बैंकों- सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने से ग्लोबल बैंकिंग इंडस्ट्री पहले से ही दबाव में थी।
क्रेडिट स्विस की गिनती, दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में होती है और यह अपने ग्राहकों को कई तरह के फाइनेंशियल सेवाएं मुहैया कराती है। हालांकि बैंक के 167 सालों के इतिहास में कई ऐसे स्कैंडलों से भी घिरा रहा है, जिसने इसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और जिसके चलते इसे अहम आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ा है।
क्रेडिट स्विस से जुड़े सबसे शुरुआती घोटालों में से एक 1997 में हुआ था जब बैंक पर संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने अमीर ग्राहकों को टैक्स चोरी करने में मदद करने का आरोप लगाथा। बैंक पर केमैन आइलैंड्स जैसे टैक्स हेवन देशों में अपने ग्राहकों के बैंक खाते खुलवाने का आरोप लगाया गया था, जिससे वे अपनी संपत्ति को अमेरिकी सरकार से छुपा सकें और टैक्स का भुगतान करने से बच सकें। इसके चलते बैंक को अमेरिकी सरकार को 10 करोड़ डॉलर का हर्जाना देना पड़ा था।
क्रेडिट स्विस से जुड़ा एक और बड़ा मामला 2008 में सामने आया, जब बैंक सबप्राइम मोर्टेगेज संकट में फंस गया था। बैंक ने सबप्राइम मॉर्गेज-के सपोर्ट वाली सिक्योरिटीज में भारी निवेश किया था, जो बाद में बेहद जोखिम भरा साबित हुआ और बैंक के लिए बड़े नुकसान का कारण बना। बैंक को अरबों डॉलर के घाटे को बट्टे खाते में डालना पड़ा, और इसके चलते इसकी प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हुआ।
2014 में, क्रेडिट स्विस पर अमेरिकी नागरिकों को टैक्स बचाने में मदद करने के आरोप में $2.6 अरब डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगा था। बैंक पर ग्राहकों को अपनी संपत्ति छिपाने और टैक्स बचाने में मदद करने के लिए विदेशों में खाते और नकली कंपनियों की एक जटिल प्रणाली का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। इसके चलते बैंक की प्रतिष्ठा और इसमें लोगों के भरोसे को काफी नुकसान पहुंचा।
क्रेडिट स्विस 2016 में फिर से मोजाम्बिक के साथ अपने एक ट्रांजैक्शन को लेकर सवालों के घेरे में आई गई। बैंक पर मोजाम्बिक सरकार को 2 अरब डॉलर से अधिक का उधार लेने में मदद करने का आरोप लगा था, जिसे बाद में मछली पकड़ने के बेड़े और शिपयार्ड जैसी संदिग्ध परियोजनाओं को फंडिंग देने के लिए इस्तेमाल किया गया था। स्विस अधिकारियों ने जांच में इसे गलत पाया और क्रेडिट स्विस पर 47 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया।
साल 2018 में क्रेडिट स्विस मलेशिया में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल घोटाले में शामिल रहा। बैंक पर मलेशिया के एक सॉवरेन वेल्थ फंड से अरबों डॉलर के फ्रॉड में मदद करने का आरो लगा था। इसके अलावा इस घोटाले में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक और गोल्डमैन सैक्स के एग्जिक्यूटिव टिम लीस्नर का नाम भी आया था। इस मामले में भी स्विस अधिकारियों ने क्रेडिट स्विस पर $47 मिलियन का जुर्माना लगाया था।
साल 2022 में क्रेडिट स्विस का नाम एक फाइनेंशियल फर्म 'ग्रीन्सिल कैपिटल' से मामले में आया था, जिसने दिवालिया के याचिका दायर किया था। ग्रीन्सिल कैपिटल पर कई फ्रॉड के मामलों में शामिल होने का आरोप था। क्रेडिट स्विस ने इस फर्म में भारी निवेश किया था। इस फ्रॉड के चलते क्रेडिट स्विस को काफी नुकसान हुआ था और इसके चलते इसे अपने इनवेस्टमेंट फंड को बंद करना पड़ा था।