Credit Cards

टॉप इंडियन IT कंपनियों में घटी बैकअप एंप्लॉयीज की संख्या, प्रोजेक्ट से दूर रहने के टाइम में भी आई कमी

IT कंपनियों में अनुमानित बेंच साइज एक साल पहले के मुकाबले 15 प्रतिशत घट गया है। 2 साल पहले की तुलना में यह कमी लगभग 22 प्रतिशत की है। एवरेज बेंच टाइम वर्तमान में घटकर 35-45 दिन रह गया है। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 में यह 45-60 दिन था

अपडेटेड Mar 05, 2025 पर 11:06 PM
Story continues below Advertisement
स्टाफिंग फर्म्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि बेंच साइज और बेंच होल्डिंग टाइमलाइंस में काफी गिरावट आई है।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, विप्रो, HCLTech और एक्सेंचर आदि समेत टॉप भारतीय आईटी कंपनियों ने पिछले डेढ़ साल में अपने यहां बैकअप एंप्लॉयीज और प्रोजेक्ट से दूर रहने के उनके टाइम को कम किया है। बैकअप एंप्लॉयीज को बेंच्ड एंप्लॉयीज और प्रोजेक्ट से दूरी के टाइम को बेंच होल्डिंग टाइम कहा जाता है।

आईटी इंडस्ट्री में बेंच साइज/बेंच्ड एंप्लॉयीज से मतलब पेरोल वाले उन एंप्लॉयीज से है, जो किसी भी एक्टिव प्रोजेक्ट पर नहीं होते हैं। ये बैकअप के रूप में रहते हैं और क्लाइंट की ओर से अचानक मांग आने की स्थिति में इन्हें यूटिलाइज किया जाता है। हालांकि किसी भी प्रोजेक्ट पर काम न करते हुए भी इन्हें सैलरी मिलती रहती है।

वहीं बेंच होल्डिंग टाइम का मतलब है कि एंप्लॉयी, बैकअप के तौर पर कितने वक्त तक रहता है, यानि कितने दिन तक किसी भी प्रोजेक्ट पर वह नहीं होता है। कहा जा रहा है कि टॉप आईटी कंपनियां स्लो रेवेन्यू ग्रोथ के बीच मार्जिन को डिफेंड करने और कर्मचारियों को यूटिलाइज करने की रेट में सुधार के लिए बेंच साइज और बेंच होल्डिंग टाइम में कमी कर रही हैं।


कितनी आई गिरावट

स्टाफिंग फर्म्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि बेंच साइज और बेंच होल्डिंग टाइम में काफी गिरावट आई है। स्पेशलाइज्ड स्टाफिंग फर्म Xpheno के डेटा के मुताबिक, आईटी कंपनियों में अनुमानित बेंच साइज एक साल पहले के मुकाबले 15 प्रतिशत घट गया है। 2 साल पहले की तुलना में यह कमी लगभग 22 प्रतिशत की है। स्टाफिंग फर्म टीमलीज डिजिटल के आंकड़ों के अनुसार, आईटी कंपनियों में अब कुल एंप्लॉयीज में से केवल 2-5 प्रतिशत एंप्लॉयी बेंच के तौर पर मौजूद हैं। पहले यह आंकड़ा 10-15 प्रतिशत था।

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म अनअर्थइनसाइट के डेटा के अनुसार, एवरेज बेंच टाइम वर्तमान में घटकर 35-45 दिन रह गया है। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 में यह 45-60 दिन था। उस वक्त आईटी सेक्टर की रेवेन्यू ग्रोथ डबल डिजिट में थी।

Ambuja Cements के प्रस्ताव को सीसीआई की मंजूरी, Orient Cement में खरीदेगी इतनी हिस्सेदारी

लीगेसी स्किल्स वाले एंप्लॉयीज के बेंच लेऑफ का खतरा

वर्तमान में आईटी इंडस्ट्री में नीश यानि आला दर्जे के स्किल्स जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबरसिक्योरिटी, डेटा साइंस, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन आदि की मांग ज्यादा है। ऐसे में लीगेसी स्किल्स जैसे कि COBOL, RPG, CICS, JCL, REXX, PL/1 आदि में 9 से 14 साल के अनुभव वाले ऐसे कर्मचारी जो बेंच या बैकअप के तौर पर हैं, की भी छंटनी का खतरा है।

अनअर्थइनसाइट के फाउंडर और सीईओ गौरव वासु का कहना है कि टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल, एक्सेंचर जैसी टियर I फर्म्स बेंच्ड एंप्लॉयीज के प्रोजेक्ट्स पर तेजी से डिप्लॉयमेंट की कोशिश कर रही हैं। इसलिए बेंच ऑप्टिमाइजेशन एक सामान्य गतिविधि है, खासकर उन स्किल्स के लिए जिनकी या तो मांग नहीं है या जिनकी मांग की संभावना कम है।

कहां पहुंची यूटिलाइजेशन रेट

टीमलीज डिजिटल में आईटी स्टाफिंग की बिजनेस हेड कृष्णा विज का कहना है कि आईटी कंपनियां 70-75% यूटिलाइजेशन से 80-85% यूटिलाइजेशन रेट तक पहुंचने लगी हैं। एट्रिशन यानि कंपनी छोड़कर जारी की दर भी 28-30% से घटकर 11-13% हो गई है। अगर कंपनियां एंप्लॉयीज को गवां नहीं रही हैं, तो इसका मतलब है कि बेंच के तौर पर रखे गए एंप्लॉयीज को यूटिलाइज नहीं किया जा रहा होगा। आईटी फर्मों को बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए उन्होंने कम और प्रोजेक्ट-स्पेसिफिक हायरिंग मॉडल अपनाना शुरू कर दिया है।

Trump Speech: 'मेक अमेरिका अफोर्डेबल अगेन'... डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों को दिया टैक्स कटौती का तोहफा

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।