अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार अपने उफान पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर 125% तक टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद चीन ने कड़ा रुख अपनाया है। चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने गुरुवार 11 अप्रैल को जारी एक बयान में कहा कि चीन अपने हितों की रक्षा के लिए सख्त जवाबी कदम उठाना जारी रखेगा। बयान में कहा गया, “हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए लगातार और सख्त जवाबी कदम उठाते रहेंगे।”
ट्रंप ने 9 अप्रैल को दुनिया के अधिकतर देशों पर लगाए गए ऊंचे टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया था, लेकिन चीन के साथ उन्होंने ट्रेड वार को और बढ़ा दिया। ट्रंप ने चीन पर पहले के लागू किए गए 104% टैरिफ को रंत बढ़ाकर 125% कर दिया। इससे एक दिन पहले ही चीन ने अमेरिकी आयात पर 84% टैरिफ लगाया था, जो ट्रंप के पहले के टैरिफ के जवाब में था।
माना जा रहा है ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान पर भी बीजिंग फिर से उसी तरह का जवाब दे सकता है, जैसा उसने पहले किया था। इससे दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमी के बीच ट्रेड वार के और बढ़ने की आशंका हो गई है। दोनों ही देशों ने इस मामले में "अंत तक लड़ने" की बार-बार कसम खाई है।
चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा, "अगर अमेरिका अपनी जिद पर अड़ा रहता है, तो चीन भी अंत तक मुकाबला करेगा। ट्रेड वार में कोई विजेता नहीं होता, प्रोटेक्शनिजम एक बंद रास्ता है।"
चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर किया सीधा हमला
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका के टैरिफ ऐलानों पर तीखी मंत्रालय दी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "“अमेरिका का यह रवैया जनता का समर्थन नहीं जीत पाएगा और अंत में उसकी ही विफलता का कारण बनेगा।”
मंत्रालय ने यह भी कहा कि, “चीन लड़ाई नहीं चाहता, लेकिन अगर लड़ी जाती है तो वह डरेगा नहीं। चीन अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और मल्टी-लेटरल सिस्टम को कमजोर होते नहीं देख सकता। हम चीनी जनता के वैध अधिकारों और हितों को छिनते हुए नहीं देख सकते। चीन चुपचाप नहीं बैठेगा। ”
अंतरराष्ट्रीय न्याय और संतुलन की बात
चीन का कहना है कि अमेरिका की "धमिकयों से भरी" नीति के खिलाफ उठाए गए कदम केवल उसके खुद के हितों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्याय और निष्पक्षता की रक्षा के लिए भी हैं। मंत्रालय ने दोहराया, “हम अमेरिका की एकतरफा और दबाव बनाने वाली नीतियों के खिलाफ ठोस कदम उठाना जारी रखेंगे।”