अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिका जाने वाली चीजों पर 25 प्रतिशत का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया है। इसके बाद अब भारतीय सामान पर नए अमेरिकी टैरिफ की दर बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई है। रूस से तेल खरीद जारी रखने के चलते ट्रंप ने पेनल्टी के तौर पर भारत के लिए टैरिफ की दर बढ़ाई। नए टैरिफ में से 31 जुलाई 2025 को घोषित 25 प्रतिशत की दर 7 अगस्त से प्रभावी हो गई है। एक्स्ट्रा 25 प्रतिशत टैरिफ 21 दिन बाद यानि 27 अगस्त से लागू होगा।
'दोस्त' भारत के लिए ट्रंप के इस फैसले से भारतीय टेक्सटाइल, समुद्री उत्पाद और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ने का डर है। भारत ने अमेरिका के कदम को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है। लेकिन फिर भी यह चिंता तो पैदा हो गई है कि टैरिफ बढ़ने के बाद भारतीय निर्यातकों, खासकर कि एमएसएमई के लिए संकट खड़ा हो गया है। हालांकि ऐसी चीजें, जो पहले से रियायत वाली कैटेगरी में आती हैं, टैरिफ के दायरे में नहीं आएंगी।
जिन क्षेत्रों को इन टैरिफ से नुकसान होगा, उनमें टेक्सटाइल/अपैरल, जेम्स एंड ज्वैलरी, झींगा, लेदर और फुटवियर, पशु उत्पाद, केमिकल, बिजली और मशीनरी शामिल हैं। हालांकि दवा, एनर्जी प्रोडक्ट्स (कच्चा तेल, रिफाइंड फ्यूल, प्राकृतिक गैस, कोयला और बिजली) महत्वपूर्ण खनिज, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स की एक बड़ी रेंज पर ये टैरिफ लागू नहीं होंगे।
किन प्रमुख सेक्टर्स को सबसे ज्यादा नुकसान
थिंक टैंक GTRI का मानना है कि नए टैरिफ अमेरिका के लिए भारत के सामान को काफी महंगा बना देंगे। इसके कारण भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट में 40-50 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। जिन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है, उनमें से कुछ इस तरह हैं...
टेक्सटाइल्स, मेड अप्स: 59% टैरिफ
ऑर्गेनिक केमिकल्स: 54% टैरिफ
फर्नीचर, बेडिंग, मैट्रेस: 52.3% टैरिफ
डायमंड और गोल्ड प्रोडक्ट्स: 52.1% टैरिफ
86 अरब डॉलर के निर्यात पर गंभीर असर
निर्यातकों के अनुसार, अमेरिका के कदम से अमेरिका के साथ भारत के 86 अरब डॉलर के निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा। अमेरिका को भारत की ओर से सामान का निर्यात जून 2025 में 23.53 प्रतिशत बढ़कर 8.3 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान अमेरिका से आयात 10.61 प्रतिशत घटकर लगभग 4 अरब डॉलर रहा। अप्रैल-जून 2025 के दौरान अमेरिका को भारत से निर्यात 22.18 प्रतिशत बढ़कर 25.51 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान आयात 11.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 12.86 अरब डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका से भारत में 5.45 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया।
वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका-भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसमें से भारत ने 86.5 अरब डॉलर के सामान का निर्यात किया। इस निर्यात में टेक्सटाइल और अपैरल की हिस्सेदारी 10.3 अरब डॉलर, जेम्स एंड ज्वैलरी की 12 अरब डॉलर, झींगा की 2.24 अरब डॉलर, चमड़े और जूते की 1.18 अरब डॉलर, केमिकल्स की 2.34 अरब डॉलर, और मशीनरी की 9 अरब डॉलर रही। अमेरिका से आयात 45.3 अरब डॉलर का रहा।
प्रतिस्पर्धी देशों पर कम है टैरिफ
नए एक्स्ट्रा टैरिफ के बाद, अमेरिका में भारत और ब्राजील के प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ होगा। ऐसे में भारत के प्रतिस्पर्धी देश कम टैरिफ के कारण अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में होंगे। अमेरिका ने म्यांमार पर 40 प्रतिशत, थाइलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलीपींस और वियतनाम पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। जहां तक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की बात है तो इस पर छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को अमेरिकी टीम भारत आने वाली है।