Union Budget 2024-25 : आम बजट पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी, 2024 को यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी। साल 2017 से यूनियन बजट 1 फरवरी को पेश हो रहा है। पहले यह फरवरी की आखिरी तारीख को पेश होता था। पहली बार यूनियन बजट 1 फरवरी को पेश करने का श्रेय पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को जाता है। बजट फरवरी में पेश होता है, लेकिन इसे बनाने का काम कई महीने पहले शुरू हो जाता है। इसकी वजह यह है कि बजट डॉक्युमेंट बहुत व्यापक दस्तावेज है। इसमें अनगिनत डेटा होते हैं। इकोनॉमी की अलग-अलग सेक्टर के लिए योजनाएं और कई तरह की स्कीम होती हैं। यही वजह है कि वित्त मंत्री का बजट भाषण 1-2 घंटे तक चलता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। यह 2 घंटे 42 मिनट का था।
अक्टूबर में शुरू हो जाती है प्रक्रिया
यूनियन बजट तैयार करने की प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू हो जाती है। सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों को फंड की अपनी जरूरतों के बारे में बताने को कहा जाता है। वित्तमंत्रालय उद्योग चैंबर्स और अलग-अलग इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्थाओं से उन्हें बजट को लेकर अपनी राय बताने को कहता है। अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट्स भी बजट को लेकर अपनी उम्मीदों से वित्तमंत्रालय को अवगत कराते हैं। इन सभी जानकारियों पर वित्त मंत्रालय के सीनियर अफसर चर्चा करते हैं। फिर, बजट में खास बातों को शामिल किया जाता है।
बजट टीम को अलग जगह रखा जाता है
बजट प्रिंटिंग का काम हलवा सेरेमनी के बाद शुरू हो जाता है। इसमें बजट तैयार करने वाले वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों का मुंह मीठा कराया जाता है। बजट तैयार करने वाली टीम को नॉर्थ ब्लॉक में अलग जगह रखा जाता है। उन्हें किसी से मिलने की इजाजत नहीं होती है। बाहर के किसी व्यक्ति को भी उनसे मिलने नहीं दिया जाता है। इस टीम में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज, सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स के अधिकारी भी शामिल होते हैं। बजट पेश होने से तीन-चार दिन पहले प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के कुछ अधिकारी भी बजट टीम में शामिल होते हैं। उनका काम प्रेस रिलीज तैयार करना होता है।
बजट बनाने के लिए ब्लू शीट का इस्तेमाल
बजट बनाने की प्रक्रिया में ब्लू शीट का इस्तेमाल होता है। इस पेपर का रंग ब्लू होता है, जिससे इसे ब्लू शीट कहा जाता है। इसमें बजट से जुड़ी सभी जानकारियां शामिल होती हैं। बजट तैयार करने के दौरान इस शीट को लगातार अपडेट किया जाता है। इस डॉक्युमेंट की गोपनीयता बनाए रखने की खास जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी की होती है। कुछ ही लोगों को इस शीट को देखने की इजाजत होती है। बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े कंप्यूटर्स पर ईमेल की फैसिलिटी खत्म कर दी जाती है। उन्हें साइबर हमलों से बचाने के लिए नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर के सर्वर से भी डीलिंक कर दिया जाता है। दिल्ली पुलिस और आईबी के अधिकारी फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारियों पर करीबी नजर रखते है।