मार्केट को लंबे समय इंतजार है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। हालांकि अब अमेरिकी इनफ्लेशन के आंकड़ों ने बाजार की इस उम्मीद को चुनौती दी है। पिछले साल 2023 के आखिरी में अमेरिका में महंगाई बढ़ने की दर यानी इंफ्लेशन में उछाल दिखी जिससे मार्केट की इस उम्मीद कि फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरें कम करना शुरू कर देगा, का रास्ता और कठिन दिख रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 3.4% की वृद्धि हुई, जो तीन महीनों में सबसे अधिक है। यह मासिक आधार पर बाजार के पूर्वानुमानों से भी अधिक है।
कैसी है अमेरिका में महंगाई की स्थिति
पिछले महीने दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) तीन महीने के हाई 3.4 फीसदी पर पहुंच गए। अब अगर इसमें से फूड और एनर्जी को निकाल दिया जाए तो एक महीने पहले की तुलना में यह 0.3 फीसदी बढ़ गया तो सालाना आधार पर यह कोर मानक 3.9 फीसदी बढ़ा। इकनॉमिस्ट्स महंगाई बढ़ने की दर यानी इनफ्लेशन के रुझान की बेहतर तस्वीर ओवरऑल सीपीआई की बजाय कोर मेट्रिक से अधिक पता चलती है। श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक शेल्टर, बिजली और मोटर-वाहन बीमा में वृद्धि हुई है। वहीं सेकंड हैंड कारों की कीमतों में गिरावट की उम्मीद थी, वह भी फीकी हुई और लगातार दूसरे महीने इसमें बढ़ोतरी हुई।
आंकड़े में कुछ पॉजिटिव भी तो कुछ उम्मीदों को लगा झटका
ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों में तेजी के बावजूद कुछ पॉजिटिव संकेत भी हैं। लेबर मार्केट को बिना अधिक झटका दिए इनफ्लेशन में मोटे तौर पर राहत मिली है। इससे फेड के लिए इस साल उधार की लागत कम करने का माहौल तैयार हो गया है। आधिकारिक आर्थिक अनुमानों से पता चलता है कि उन्हें 2024 में तीन दरों में कटौती की उम्मीद है, लेकिन पॉलिसीमेकर्स ने बाजार की उम्मीदों को खारिज कर दिया है कि पहली कटौती मार्च में हो सकती है। फेड अधिकारियों की अगली बैठक इस महीने के आखिरी में है। इस रिपोर्ट के आने के बाद ट्रेजरी यील्ड्स और डॉलर में उछाल दिखी जबकि स्टॉक-इंडेक्स फ्यूचर्स में उतार-चढ़ाव है।