इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है कि अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ का असर ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ पर पड़ेगा। इसके चलते अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट्स में उम्मीद से ज्यादा कमी कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने पूरी दुनिया को अनिश्चितता में धकेल दिया है। माना जा रहा है कि दूसरे देश भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। 4 अप्रैल को चीन ने इसका ऐलान कर दिया है। चीन अमेरिकी सामानों पर 34 फीसदी ड्यूटी वसूलेगा।
अभी मुश्किल है असर का अंदाजा लगाना
चूंकि ट्रंप ने अलग-अलग देशों पर अलग-अलग रेट से टैरिफ लगाया है, जिससे एनालिस्ट्स के लिए यह पता लगाना आसान नहीं है कि इसका ग्लोबल इकोनॉमी पर कितना असर पड़ेगा। दूसरी मुश्किल यह है कि इंडिया सहित कई देश अमेरिका से एक-दूसरे के टैरिफ में कमी करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। कुछ देश जल्द अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने जा रहे हैं। ऐसे में अभी यह कहना मुश्किल है कि अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद आगे किस तरह की स्थितियां उभर कर सामने आएंगी।
शॉर्ट टर्म में इंडिया पर ज्यादा असर नहीं
Kotak Institutional Equities ने इस बारे में एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें कहा गया है कि इंडिया पर अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ का शॉर्ट टर्म में ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ से अगर ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती आती है तो मीडियम टर्म में इसका असर इंडिया पर पड़ सकता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ज्यादा रिस्क दूसरे देशों के जवाबी टैरिफ के ऐलान को लेकर है। इसका खराब असर न सिर्फ ग्लोबल ट्रेड पर पड़ेगा बल्कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ जाएगी और ग्रोथ सुस्त पड़ जाएगी।
इंडिया पर दूसरे देशों के मुकाबले कम टैरिफ
कोटक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंडियन एक्सपोर्ट पर अमेरिका ने 26 फीसदी टैरिफ लगाया है, जो कई दूसरे देशों पर लगाए गए टैरिफ से कम है। कम टैरिफ का फायदा इंडिया को मिलेगा। खासकर इंडियन कमोडिटी एक्सपोर्टर्स को इसका ज्यादा फायदा मिलेगा। इसकी वजह यह है कि इन प्रोडक्ट्स से जुड़ी डील पर कीमतों का काफी ज्यादा असर पड़ता है। अगर इंडियन कमोडिटी की प्रतिस्पर्धी क्षमता थोड़ी भी बढ़ती है तो पलड़ा इंडियन कमोडिटी के पक्ष में झुक सकता है।
इन प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर पड़ेगा असर
अमेरिका को निर्यात होने वाले इंडियन वैल्यू-ऐडेड प्रोडक्ट्स पर कई बातों का असर पड़ेगा। कोटक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर अमेरिका को इंडिया के एक्सपोर्ट पर असर पड़ता है तो कुल एक्सपोर्ट पर इसका असर 0.2 से 10 फीसदी के बीच हो सकता है। इससे जीडीपी की ग्रोथ में 5 से 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी आ सकती है। इंडिया से अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाले जिन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ का असर पड़ेगा, उनमें टेक्सटाइल्स और अपैरल, जेम्स एंड ज्वैलरी, फार्मा प्रोडक्ट्स (फिलहाल टैरिफ से छूट) और इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे मोबाइल फोन) शामिल हैं।
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इंडिया अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ में रियायत के लिए अमेरिका के साथ डील कर सकता है। इसका ऐलान आने वाले महीनों में हो सकता है। कोटक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इंडिया को टैरिफ और टैक्स में कमी करने की कोशिश करना चाहिए। इसे अमेरिकी इंपोर्ट पर सरचार्ज जैसी नॉन-टैरिफ बाधाएं भी खत्म करनी चाहिए। इससे इंडिया के लिए अमेरिका के साथ डील के लिए खुलकर बातचीत करने में आसान हो जाएगा।