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Reciprocal Tariffs से ज्वेलरी इंडस्ट्री में मंदी का खतरा, लाखों लोग हो सकते हैं बेरोजगार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के $32 बिलियन के रत्न और आभूषण उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा कमजोर होगी, लाखों लोगों की नौकरी जाने की नौबत आ सकती है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Apr 03, 2025 पर 4:59 PM
Reciprocal Tariffs से ज्वेलरी इंडस्ट्री में मंदी का खतरा, लाखों लोग हो सकते हैं बेरोजगार
एक्सपर्ट का कहना है कि नए टैरिफ से सोने और हीरे का कारोबार सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।

Reciprocal Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) का ऐलान कर दिया है। इससे भारत के $32 बिलियन के रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery) उद्योग को भारी झटका लग सकता है, क्योंकि यह निर्यात के लिए अमेरिका पर काफी हद तक निर्भर है। भारत की जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री करीब 34% यानी $11.58 बिलियन का एक्सपोर्ट सिर्फ अमेरिका को करती है।

इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि टैरिफ बढ़ाने से भारत की प्रतिस्पर्धा कमजोर पड़ सकती है। इससे व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है और लाखों लोगों की नौकरियों को खतरा हो सकता है।

सोने और हीरे के निर्यात को सबसे ज्यादा नुकसान

एक्सपर्ट का कहना है कि नए टैरिफ से सोने और हीरे का कारोबार सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। SEEPZ Gems & Jewellery Manufacturers’ Association (SGJMA) के प्रेसिडेंट आदिल कोटवाल (Adil Kotwal) के मुताबिक, टैरिफ बढ़ने के बाद अमेरिका में भारत के सोने और हीरे से बने प्रोडक्ट की मांग घट सकती है।

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