Credit Suisse-UBS Merger: स्विटरजरलैंड का दिग्गज बैंक क्रेडिट स्विस ग्रुप एजी (Credit Suisse Group AG) कुछ समय पहले भारी वित्तीय दिक्कतों से जूझ रहा था। यह दिक्कत इतनी बड़ी थी कि स्विस सरकार को इसमें दखल देना पड़ा और फिर इसे यूबीएस (UBS) में मिलाने का ऐलान कर दिया गया। अब स्विस सेंट्रल बैंक ने खुलासा किया है कि अगर क्रेडिट स्विस को यूबीएस ग्रुप एजी में न मिलाया गया होता तो यह जरूर दिवालिया हो जाता। स्विस नेशनल बैंक के वाइस प्रेसिडेंट ने ऐसा दावा किया है। रॉयटर्स के मुताबिक स्विस नेशनल बैंक के वाइस प्रेसिडेंट Martin Schlegel ने ब्रॉडकास्टर एसआरएफ को दिए गए इंटरव्यू में ये बातें कहीं। मार्टिन के मुताबिक अगर क्रेडिट स्विस को न बचाया गया होता तो इसके चलते स्विजरलैंड ही नहीं, दुनिया भर में वित्तीय संकट खड़ा हो जाता।
नए यूबीएस को स्टेट गारंटी नहीं
मार्टिन ने कहा कि सरकार को क्रेडिट स्विस की वास्तविक स्थिति का पता था, लेकिन इसे सार्वजनिक तौर पर बताया नहीं जा सकता था। हालांकि जब बात संभालने लायक नहीं रही तो आखिर में सरकार को दखल देना पड़ा। दोनों बैंकों के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लिए बिना ही विलय का ऐलान हुआ। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विलय के एक दिन पहले स्विस नेशनल बैंक और वित्तीय नियामक फिनमा (Finma) ने जो ऐलान किया था, उसकी एक-एक बात अब भी सही है। दोनों नियामकों ने बयान दिया था कि क्रेडिट स्विस सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण बैंकों के लिए बनाए गए कैपिटल और लिक्विडिटी की जरूरतों को पूरा करता है। मार्टिन का कहना है कि नए यूबीएस को स्टेट गारंटी हासिल नहीं है।
अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने के बाद स्विटजरलैंड में स्विस बैंक क्रेडिट स्विस की वित्तीय स्थिति डांवाडोल होने पर बैंकिंग संकट की आशंका से पूरी दुनिया सहम गई। इसे बचाने के लिए स्विस नियामकों को आगे आने पड़ा। आखिरकार क्रेडिट स्विस और यूबीएस के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के बिना ही आनन-फानन में विलय की मंजूरी दी गई। स्विटजरलैंड के वित्त मंत्री Karin Keller-Sutter का कहना था कि बिना इस सौदे के क्रेडिट स्विस एक दिन भी अब नहीं चल सकता।
तो क्या क्रेडिट स्विस के मामले से बदलेगी स्विस नेशनल बैंक की नीति?
क्रेडिट स्विस के मामले पर दुनिया भर की निगाहें लगी हुई थी। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि क्या स्विस नेशनल बैंक इसे लेकर अपनी पूर्व की स्ट्रैटजी में कोई बदलाव करेगा? इसे लेकर स्विस नेशनल बैंक के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि उनकी प्रॉयोरिटी वित्तीय स्थिरता है और क्रेडिट स्विस के संकट से ब्याज दरों की बढ़ोतरी के उनके फैसले पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। स्विस नेशनल बैंक पिछले साल जून से मौद्रिक नीतियों को सख्त कर रहा है और मार्च में ही क्रेडिट स्विस के संकट के बावजूद 0.50 फीसदी कर्ज महंगा कर दिया। इसका लक्ष्य प्राइस ग्रोथ को 0-2 फीसदी के बीच रखना है।
स्विस नेशनल बैंक के वाइस प्रेसिडेंट का कहना है कि इनफ्लेशन को टारगेट में रखने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी। मार्च में महंगाई दर सुस्त हुई थी। स्विटजरलैंड में पिछले महीने मार्च में महंगाई 2.9 फीसदी की दर से बढ़ी जो पूरे यूरोप में सबसे सुस्त रही। अब मार्केट का अनुमान है कि जून में स्विस नेशनल बैंक ब्याज दरों में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी कर सकता है और इसके बाद इस पर लगाम लग सकती है।