महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Zepto की पैरेंट कंपनी Kiranakart Technologies Pvt Ltd का फूड बिजनेस लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई मुंबई के धारावी स्थित डार्क स्टोर में खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और खराब स्वच्छता व्यवस्था पाए जाने के बाद की गई है। डार्क स्टोर एक तरह का गोदाम होता है, जहां से क्विक कॉमर्स कंपनियों ग्राहकों के ऑर्डर की सप्लाई करती हैं।
FDA की निरीक्षण रिपोर्ट में सामने आया कि स्टोर में कुछ खाद्य उत्पादों पर फफूंदी (fungus) लगी थी, जबकि कई सामान जमे हुए गंदे पानी के पास रखे गए थे। इसके अलावा, ठंडे भंडारण की निर्धारित तापमान सीमा का पालन नहीं किया गया और एक्सपायर्ड प्रोडक्ट्स को बाकी स्टॉक से अलग नहीं रखा गया था।
FDA ने कहा, “कंपनी ने अपने फूड बिजनेस लाइसेंस की शर्तों का पालन नहीं किया है। जब तक जरूरी सुधार नहीं किए जाते और विभाग को संतोषजनक सबूत नहीं दिए जाते, तब तक लाइसेंस निलंबित रहेगा।”
Zepto ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
Zepto के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। हमने आंतरिक समीक्षा शुरू कर दी है और संबंधित प्राधिकरणों के साथ पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी मानकों का पालन करते हुए परिचालन बहाल किया जाए।”
लगातार चुनौतियों से घिरी Zepto
Zepto पर यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब कंपनी पहले से ही कामकाज के मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रही है। हाल ही में Zepto Café ने उत्तर भारत के 44 स्टोरों में संचालन रोक दिया है, जिसकी वजह सप्लाई चेन और स्टाफ की कमी बताई गई।
साथ ही, हैदराबाद में डिलीवरी पार्टनर लगातार पांचवें दिन हड़ताल पर हैं, उनका आरोप है कि कंपनी वेतन और जुर्माने को लेकर मनमानी कर रही है।
रिपोर्टों के अनुसार, Zepto का मासिक कर्मचारी खर्च ₹100 करोड़ के करीब पहुंच चुका है, जो Zomato और Swiggy जैसे बड़े खिलाड़ियों के लगभग 80% के बराबर है।
Zepto इस समय पब्लिक लिस्टिंग की तैयारी में जुटी है और खुद को पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली कंपनी बनाने के लिए घरेलू निवेश जुटा रही है। ऐसे में फूड लाइसेंस का सस्पेंशन और बढ़ती संचालन संबंधी समस्याएं निवेशकों के भरोसे और ब्रांड की विश्वसनीयता पर असर डाल सकती हैं।