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Zerodha के सीईओ नितिन कामत ने किया खुलासा, बिना खास मदद के ऐसे खड़ा कर दिया सफल कारोबार

हाल ही में एक अवार्ड सेरेमनी में दिग्गज ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) को "Entrepreneur of the Year" मतलब वर्ष के सबसे बेहतर उद्यमी का सम्मान मिला। कामत को यह अवार्ड केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया। इसके बाद नितिन कामत ने इसका खुलासा किया कि किस तरह से बिना अधिक लोगों से मदद लिए उन्होंने सफल कारोबार खड़ा कर दिया

अपडेटेड Apr 29, 2023 पर 1:40 PM
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Zerodha के सीईओ Nithin Kamath के मुताबिक कोई कारोबारी बैकग्राउंड नहीं, पूरी टीम में कोई खास शिक्षा नहीं, कोई वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी नहीं, विज्ञापनों पर खर्च नहीं, ग्राहकों के साथ स्पैम नहीं। इस प्रकार जीरोधा एक उदाहण है कि आम बन चुके नॉर्म्स के बिना भी सफल कारोबार खड़ा किया जा सकता है।

हाल ही में एक अवार्ड सेरेमनी में दिग्गज ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) को "Entrepreneur of the Year" मतलब वर्ष के सबसे बेहतर उद्यमी का सम्मान मिला। कामत को यह अवार्ड केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया। इसके बाद नितिन कामत ने ट्विटर पर अपनी यात्रा के बारे में लिखा कि किस तरह से बिना अधिक लोगों से मदद लिए उन्होंने सफल कारोबार खड़ा कर दिया। उनके इस ट्वीट को नितिन कामत के भाई निखिल कामत ने रीट्वीट कर उन्हें बधाई दी और लिखा कि वह इसके लायक हैं और इससे भी ज्यादा वह डिजर्व करते हैं।

Nithin Kamath ने बिना खास मदद के खड़ा किया कारोबार

जीरोधा के सीईओ ने लिखा है कि कोई कारोबारी बैकग्राउंड नहीं, पूरी टीम में कोई खास शिक्षा नहीं, कोई वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी नहीं, विज्ञापनों पर खर्च नहीं, ग्राहकों के साथ स्पैम नहीं। इस प्रकार जीरोधा एक उदाहण है कि आम बन चुके नॉर्म्स के बिना भी सफल कारोबार खड़ा किया जा सकता है। आमतौर पर किसी सफल कारोबार के लिए माना जाता है कि इन सभी चीजों की जरूरत होती है जिसे जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने गिनाया है जैसे कि निवेश, अच्छी डिग्री, विज्ञापनों पर खर्च इत्यादि।


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Zerodha का कैसा है वर्क कल्चर

पिछले महीने मनीकंट्रोल के इंडिया फिनटेक कॉनक्लेव में जीरोधा के मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) कैलाश नाथ ने कहा था कि कंपनी की सफलता में ह्यूम डीसेंसी एक अहम पहलू था और कंपनी के भीतर आपसी संबंध बनाने पर अधिक जोर था। उन्होंने कहा था कि इसका कोई फॉर्मूला नहीं है। कैलाश के मुताबिक जीरोधा के वर्क कल्चर की खास बात ये है कि यहां लोगों को रिसोर्सेज या टैलेंट नहीं माना जाता, यहां तक कि टैलेंट शब्द का इस्तेमाल ही नहीं होता है, यह कंपनी का फ्रेमवर्क ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह ऐसी कंपनी है जहां सभी एक-दूसरे के साथ हैंग आउट करते हैं जिनकी फिलॉसफी सही है और वे एक-दूसरे से जुड़े हैं।

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