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Ola से धड़ाधड़ बड़े अधिकारी दे रहे हैं इस्तीफा, बॉस भाविश अग्रवाल ने सफाई देकर बताई पूरी बात

Ola News: ओला के बड़े अधिकारी कंपनी का लगातार साथ छोड़ रहे हैं। मई 2022 में Ola Cars के सीईओ अरुण सरदेशमुख ने इस्तीफा दिया था। जबकि उन्हें ज्वाइन किए एक साल से भी कम समय हुआ था। इसके बाद जुलाई 2022 में ओला इलेक्ट्रिक के HR डायरेक्टर रंजीत कोंडेशन ने कंपनी छोड़ दी। वह यहां महज 14 महीने ही टिक पाए। इसके अलावा ओला इलेक्ट्रिक के चार्जिंग नेटवर्क्स के डायरेक्टर और बिजनेस हेड यशवंत कुमार ने इसी के आस-पास कंपनी छोड़ दी

अपडेटेड May 01, 2023 पर 1:18 PM
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Ola के सीईओ भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) का कहना है कि कंपनी इंपैक्ट बेस्ड कल्चर वाली कंपनी है और यह कभी 9-5 वर्क कल्चर वाली कंपनी नहीं बनेगी।

ओला (Ola) ने जितने धूमधाम से लॉन्चिंग की थी वैसा उसका परफॉर्मेंस नहीं रहा। पिछले कुछ समय से कंपनी के कई बड़े अधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं। अब आखिरी ऐसी क्या बात है कि बड़े अधिकारी नहीं टिक पा रहे हैं। इस पर ओला के CEO भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ने सफाई दी है।उन्होंने साफ लहजे में कहा कि Ola इंपैक्ट बेस्ड कल्चर वाली कंपनी है और यह कभी 9-5 वर्क कल्चर वाली कंपनी नहीं बनेगी। सीनियर लेवल के एंप्लॉयीज के कंपनी छोड़ने को लेकर उनका कहना है कि जैसे-जैसे कंपनी विस्तार कर रही है, कुछ लोगों को पहले से ज्यादा काम करने पड़ रहे हैं। अगर कंपनी के लेवल की बात करें तो भाविश ने कहा कि इससे कंपनी ने भी सीखा है कि किस प्रकार के लोग कंपनी के लिए बेहतर काम कर सकते हैं।

सीनियर एंप्लॉयीज ने ताबड़तोड़ दिया इस्तीफा

पिछले साल मई में Ola Cars के सीईओ अरुण सरदेशमुख ने अपनी नियुक्ति के एक साल से भी कम समय में कंपनी छोड़ दी थी। इसके बाद जुलाई में ओला इलेक्ट्रिक के ह्यूमन रिसोर्सेज (HR) डायरेक्टर रंजीत कोंडेशन (Ranjit Kondeshan) ने कंपनी छोड़ दी। वह यहां महज 14 महीने ही टिक पाए। इसके अलावा ओला इलेक्ट्रिक के चार्जिंग नेटवर्क्स के डायरेक्टर और बिजनेस हेड यशवंत कुमार ने इसी के आस-पास कंपनी छोड़ दी। CNBC-TV18 ने इसे लेकर कंपनी के 10 पूर्व सीनियर एग्जेक्यूटिव्स से बातचीत की थी तो सामने आया कि इस्तीफों की वजह कंपनी के भीतर का माहौल था।


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क्या है कंपनी के भीतर दिक्कत

सीनियर अधिकारियों से बातचीत के मुताबिक प्रोडक्ट क्वालिटी को लेकर ढेर सारी शिकायत, कारोबार शुरू करने और बंद करने के जल्दबाजी में लिए गए फैसले और 'पहले करो, फिर सोचो'; इन वजहों ने ओला की समस्याएं बढ़ाई। ओला पिछले साल ओला इलेक्ट्रिक के स्कूटर को लॉन्च करने की तैयारी कर रही थी और उसी समय इसने प्री-ओन्ड डिजिटल कार बिजनेस Ola Cars शुरू कर दिया।

इसके बाद इसने क्विक कॉमर्स बिजनेस Ola Dash शुरू कर दिया। कंपनी ने इससे पहले भी 2015 में क्विक कॉमर्स बिजनेस में हाथ आजमाया था और हाइपरलोकल डिलीवरी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था लेकिन अगले ही साल इसे बंद करना पड़ा था। कंपनी के पूर्व एम्प्लॉयीज ने सीएनबीसी-टीवी18 से कहाथा कि अनरियलिस्टिक टारगेट्स और टाइमलाइन्स ने चिंताएं बढ़ाई हैं। ओला कैब्स के एक पूर्व एंप्लॉयी ने बताया कि भाविश अग्रवाल छह महीने में ओला कैब्स को चार गुना बढ़ाना चाहते थे। इन सारी वजहों से ओला में बड़े लेवल पर भी लोगों ने इस्तीफे दिए।

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सब्सिडी को लेकर Ola CEO ने की बातचीत

सीनियर एंप्लॉयीज के कंपनी छोड़ने और कंपनी के वर्क कल्चर के अलावा ओला के सीईओ ने सीएनबीसी-टीवी18 से सब्सिडी को लेकर भी बातचीत की। उनका मानना है कि एक लेवल के बाद ईवी इंडस्ट्री को सब्सिडी की जरूरत नहीं और यह अपने दम पर टिक सकती है और ओला में इतनी क्षमता है। हालांकि उनका कहना है कि सब्सिडी को पूरी तरह नहीं खत्म करना चाहिए बल्कि इसे धीरे-धीरे हटाना चाहिए। ओला की योजना को लेकर उन्होंने कहा कि कंपनी फेम (FAME) सब्सिडी और पीएलआई स्कीमों के पैसों को ऑटो मैनुफैक्चरिंग और सेल कैपेसिटी में लगाने की योजना है।

बता दें कि FAME (फास्टर एडॉप्शन एंड मैनुफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक वेईकल्स) स्कीम मार्च 2024 तक जारी रहेगी और अभी इसे बढ़ाने के लिए सरकार ने कोई संकेत नहीं दिए हैं। हालांकि ऑटो इंडस्ट्री बॉडीज ने इसे तीन से चार साल तक बढ़ाने का आग्रह किया है। वहीं सीएनबीसी-टीवी18 को सूत्रों से जानकारी मिली है कि सरकार इस योजना को बढ़ाने पर तभी विचार कर सकती है जब इस वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी तक सरप्लस फंड बना रहे। अभी इस फंड में 5000 करोड़ रुपये हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि यह पूरा खर्च हो जाएगा।

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