Commodity market : यूट्यूब चैनल एग्री वर्ल्ड मुंबई पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। DoCA ने दिल्ली पुलिस को एग्री वर्ल्ड के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। 'एग्री वर्ल्ड' पर दालों की कीमतों पर अटकलबाजी का आरोप है। कीमतों में अटकलबाजी से जमाखोरी बढ़ने की आशंका है। सरकार का सख्त आदेश है कि एजेंसियां दालों की कीमतों पर अटकलबाजी न करें। कीमतों पर अटकलबाजी करने पर कार्रवाई होगी दाल की जमाखोरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई होगी।
दलहन पर सरकार का फोकस बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक सरकार को तुअर का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। MSP के ऊपर तुअर की खरीदारी की योजना है। इससे किसानों में तुअर की खेती के प्रति रुझान बढ़ने की उम्मीद है। सरकार की इस कोशिश से सोयाबीन, कॉटन से किसानों का रुझान घटेगा। सरकार का दलहन का उत्पादन बढ़ाने पर जोर है। सूत्रों के मुताबिक कीमतों में बढ़त को रोकने के लिए अर्जेंटीना और ब्राजील से तुअर और उड़द का इंपोर्ट जारी है।
भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और आयातक
भारत लगभग 28 मिलियन टन दालों का उत्पादन करता है, जिससे यह दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता बन जाता है। लेकिन तुअर, उड़द और मसूर (मसूर) के लिए, भारत ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया, सूडान और मलावी से आयात पर निर्भर है। देश में दाल के सबसे बड़े उत्पादक राज्यों में राजस्थान और मध्य प्रदेश है।
केंद्र सरकार को मिली जमाखोरी की जानकारी
केंद्र सरकार को इनपुट मिले रहे थे कि देश के कई राज्यों में दालों की जमाखोरी शुरू हो गई है, इसलिए दाम में तेजी आ रही है। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश दिए हैं। हालांकि, देश में अगले कुछ दिनों में चने और मसूर की फसल अच्छी होने की उम्मीद है, जिससे इन दालों की कीमतें नीचे जा सकती हैं। लेकिन, अरहर दाल की कीमतें को लेकर चिंता बरकरार रहेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आई है और जमाखोरी पर नकेल कसने की कवायद कर रही है।