Crude Oil Price: सऊदी अरब और दूसरे ओपेक + तेल उत्पादक देशों ने रविवार को तेल उत्पादन में लगभग 1.16 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती की घोषणा की है। एकाएक लिए गए इस फैसले पर विश्लेषकों की राय है कि इससे कीमतों में तत्काल वृद्धि होगी। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सऊदी अरब और दूसरे ओपेक + तेल उत्पादक के इस फैसले को अनुचित और बेवजह लिया गया फैसला कहा है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादकों के इस फैसले से दुनिया भर के तेल उत्पादकों की तरफ से तेल उत्पादन में की जाने वाली कुल कटौती 3.66 मिलियन बैरल प्रति दिन के स्तर पर पहुंच गई है जो तेल के कुल ग्लोबल डिमांड का 3.7 फीसदी है।
रविवार का ये ऐलान ओपेक + मंत्रिस्तरीय पैनल की वर्चुअल बैठक से एक दिन पहले आया है, जिसमें सऊदी अरब और रूस शामिल हैं। उम्मीद है कि ये पैनल 2023 के अंत तक 2 मिलियन बीपीडी कटौती के अपने पहले की लक्ष्य पर कायम रहेगा। पिछले महीने क्रूड का भाव 70 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गया था जो पिछले 15 महीनों का इसका सबसे निचला स्तर था। ग्लोबल बैंकिंग संकट के चलते डिमांड में गिरावट की अशंका के चलते कच्चे तेल में गिरावट देखने को मिली थी। क्रूड के सुधरकर 80 डॉलर प्रति बैरल पर आने के बाद ओपेक की तरफ से तेल उत्पादन में कटौती के ऐलान की उम्मीद नहीं की जा रही थी। इसलिए रविवार का ये ऐलान बाजार को अचंभे में डालने वाला रहा।
नई कटौती तेल की कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की कर सकती है बढ़ोतरी
निवेश फर्म पिकरिंग एनर्जी पार्टनर्स (Pickering Energy Partners)के हेड ने रविवार को कहा कि ये नई कटौती तेल की कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी कर सकती है। जबकि ऑयल ब्रोकर पीवीएम (PVM) ने कहा कि वीकेंड के बाद ट्रेंड शुरू होने पर तेल की कीमतों में तत्काल उछाल की उम्मीद दिख रही है। पीवीएम के तामस वर्गा (Tamas Varga) ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि बाजार कई डॉलर ऊपर ... संभवतः 3 डॉलर तक ऊपर खुल सकता है। इस कदम से कीमतों में निश्चित रूप से तेजी आएगी।
उधर ओपेक के सबसे बड़े उत्पादक सऊदी अरब ने कहा है कि वह उत्पादन में 500,000 बीपीडी की कटौती करेगा। सऊदी ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि सऊदी अरब की स्वैच्छिक कटौती तेल बाजार की स्थिरता को सपोर्ट करने के लिए एक एहतियाती उपाय है।
एनर्जी एस्पेक्ट्स (Energy Aspects) की फाउंडर और डायरेक्टर अमृता सेन ने कहा, "ओपेक मांग में किसी भी संभावित कमी के के प्रभाव से निपटने के लिए अग्रिम एहतियाती कदम उठा रहा है।"
पिछले साल अक्टूबर में ओपेक+ ने उत्पादन में कटौती का किया था ऐलान
बताते चलें कि पिछले साल अक्टूबर में ओपेक+ ने उत्पादन में नवंबर से साल के अंत तक 2 मिलियन बीपीडी की कटौती करने पर सहमति व्यक्त की थी। ये एक ऐसा कदम था जो वाशिंगटन को पसंद नहीं आया था। इससे तेल की आपूर्ति घटने से तेल की कीमतें बढ़ गई थीं। अमेरिका का तर्क है कि दुनिया के आर्थिक विकास को सपोर्ट करने और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध के लिए पैसे जुटाने से रोकने के लिए कच्चा तेल सस्ता रखने की जरूरत है। ऐसे में बाइडेन प्रशासन का कहना है कि सऊदी अरब और दूसरे ओपेक + तेल उत्पादक देशों की तरफ से रविवार को तेल के उत्पादन में और कटौती करने का ऐलना गैरजरूरी और बेवजह है।
इस पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमें नहीं लगता कि इस समय बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए ये कटौती उचित है - इस पर हमने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।"