Crude price : तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने सोमवार को कहा कि उसे मौजूदा बाजार स्थिति में ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 60 से 65 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा है कि उसे लगता है कि 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास तेल की कीमतों में स्थिरता आती दिखेगी। कंपनी को इस स्तर से नीचे की किसी बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।
ONGC के Executive Director पंकज कुमार ने सीएनबीसी -आवाज़ संवाददाता रोहन सिंह से खास बातचीत में कहा कि कंपनी का कॉस्ट घटाने पर फोकस है। क्रूड कीमतें अगले 2–3 साल में 60-65 डॉलर के बीच रह सकती हैं। आगे क्रूड की डिमांड-सप्लाई में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा कंपनी की कॉस्ट 15 फीसदी घटाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही उसका लक्ष्य मुनाफा मौजूदा स्तर पर बरकरार रखने का भी है। कंपनी का प्रोजेक्ट अनिश्चितता कम करने पर फोकस है। प्रोजेक्ट समय पर पूरे करने पर फोकस बना रहेगा।
पंकज कुमार ने आगे कहा कि कंपनी कीमतों में नरमी के बावजूद सरकारी राहत की मांग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा "हमने टैक्स से जुड़ी कोई राहत नहीं मांगी है। सरकार पहले से ही अन्य तरीकों से E&P सेक्टर को सहयोग दे रही है।" उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी अपने आंतरिक संसाधनों और परिचालन में सुधार के बल पर ग्रोथ हासिल करने पर फोकस कर रही है।
कंपनी ने इस बात को दोहराया कि उसे अपनी खोज और उत्पादन परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए बाज़ार में आने की जरूरत नहीं दिखती। इसके बजाय, ओएनजीसी का लक्ष्य अपने खुद के राजस्व स्रोतों के माध्यम से निवेश को बनाए रखना है। साथ ही कंपनी के आधुनिकीकरण और उत्पादन क्षमता में सुधार जारी रखना है।
इस बीच ओपेक ने अपने ताजे अपडेट में कहा है कि अगस्त में भारत के कच्चे तेल के आयात में थोड़ा सुधार हुआ है,जो पिछले महीने 22 महीनों के निचले स्तर पर था। अगस्त में औसतन 4.6 मिलियन बैरल प्रति दिन (mb/d) आयात हुआ। महीने-दर-महीने आधार पर आयात में 168 tb/d, या लगभग 4 फीसदी की बढ़त हुई है। वहीं, सालाना अधार पर कच्चे तेल के आयात में 136 tb/d, या लगभग 3 फीसदी की गिरावट आई है। अगस्त में भारत के कुल कच्चे तेल आयात में रूस का योगदान 38 फीसदी था जो पिछले महीने के 44 फीसदी से कम है। इराक 16 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रहा। उसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात,दोनों 14 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर रहे।