ओले और बारिश से रबी फसलों को भारी नुकसान की खबर है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक किसानों पर कुदरत की मार जारी रह सकती है।मौसम ने करवट क्या ली किसानों की चिंता बढ़ गई। तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले की मार ने सोने जैसी तैयार खड़ी गेहूं की फसल को बर्बाद करके रख दिया है । दिल्ली एनसीआर से सटे उत्तरप्रदेश के दुजाना गांव के किसानों को समझ नहीं आ रहा कि वो अपना दुखड़ा किससे रोएं।
उत्तरप्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान गुजरात, मध्यप्रदेश समेत देश के 18 राज्यों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बारिश और ओले पड़े हैं। गेहूं के अलावा सरसों, चना, मसूर, आलू और सब्जियों के उत्पादन में करीब 25% कमी आने की आशंका है। अनुमान है कि गुजरात में जीरे की 5-7 फीसदी फसल खराब हो सकती है। आम और लीची के बौरों पर भी इसका खासा असर पड़ा है। बारिश के बाद फसलों में कीड़े और कई तरह के रोग लगने की भी आशंका है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि तेज हवाओं के साथ बारिश अगले हफ्ते तक जारी रह सकती है। विभाग ने दिल्ली एनसीआर समेत कई जगहों पर येलो अलर्ट भी जारी किया है। पिछले तीन चार दिनों से जारी बेमौसम बरसात से पूरे उत्तर भारत में कुदरत की मार से किसानों के हाथ खाली हो चुके हैं।
इस बीच बारिश पर सरकार ने कहा है कि बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ। कुछ रबी फसलों को नुकसान हुआ है । मौजूदा हालात पर नजर है। राज्यों से रिपोर्ट का इंतजार है। सरकार का कहना है कि कुछ राज्यों में गेहूं की कटाई जारी है। जिसके चलते गेहूं पर ज्यादा असर की आशंका नहीं है। गेहूं की बुआई इस साल अच्छी हुई है। अब तब गेहूं की बुआई 343.2 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद थी।