Gold Price Today: घरेलू फ्यूचर्स मार्केट में सोमवार, 15 सितंबर को सोने की कीमतों में गिरावट आई। इसकी वजह ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेत रहे। निवेशक इस हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग से पहले सतर्क नजर आए।
Gold Price Today: घरेलू फ्यूचर्स मार्केट में सोमवार, 15 सितंबर को सोने की कीमतों में गिरावट आई। इसकी वजह ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेत रहे। निवेशक इस हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग से पहले सतर्क नजर आए।
MCX पर सोने का हाल
MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर अक्टूबर वायदा सोना ₹148 यानी 0.14% गिरकर ₹1.09 लाख प्रति 10 ग्राम पर आ गया। इसमें 15,852 लॉट का कारोबार हुआ। दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट भी ₹111 यानी 0.10% गिरकर ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा। इसमें 5,656 लॉट का कारोबार हुआ। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें, तो कॉमेक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना 0.10% गिरकर 3,682.72 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड हुआ।
खुले बाजार में सोने की कीमत
सोमवार 15 सितंबर को सोने के दाम में पिछले हफ्ते के आखिरी दिन की तुलना में हल्की गिरावट दिखी। 22 और 24 कैरेट सोना करीब 200 रुपये तक सस्ता हुआ है। फिलहाल 22 कैरेट सोना 1,01,800 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर और 24 कैरेट सोना 1,11,200 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर कारोबार कर रहा है।
वहीं चांदी 100 रुपये कमजोर होकर 1,32,900 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही है। इंटरनेशनल फैक्टर्स के चलते सोने की कीमतें अब भी अपने ऊंचे स्तर के करीब बनी हुई हैं।
फेडरल रिजर्व के फैसले पर नजर
मार्केट की नजर अब अमेरिकी फेड रिजर्व की आने वाली मीटिंग पर है। ट्रेडर्स को 25 बेसिस प्वाइंट के रेट कट की उम्मीद है। खासकर, जब अमेरिकी लेबर मार्केट में सुस्ती के संकेत दिख रहे हैं। एनालिस्ट मानते हैं कि इस हफ्ते आने वाले महंगाई के आंकड़े, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन और रिटेल सेल्स डेटा से सोने की दिशा तय होगी।
प्रॉफिट बुकिंग लेकिन भरोसा कायम
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एनालिस्ट मानव मोदी ने कहा कि रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद सोने में प्रॉफिट बुकिंग हुई है। हालांकि, कमजोर अमेरिकी जॉब्स डेटा, रुपये में गिरावट और मौद्रिक नरमी की उम्मीदों के चलते नुकसान सीमित रहा।
एस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के सीईओ दर्शिन देसाई के मुताबिक सोने के लंबे समय का आउटलुक मजबूत है। कुछ एनालिस्ट्स का अनुमान है कि कीमतें 5,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं, जो अभी 3,643 डॉलर पर हैं। यानी गोल्ड की कीमतों में करीब 37% उछाल आने की संभावना है। इसकी वजह आर्थिक अनिश्चितता, कमजोर डॉलर और ETF में लगातार आ रहे भारी निवेश हैं।
भू-राजनीतिक तनाव से सतर्कता
मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप में तनाव और मैड्रिड में चल रही अमेरिका-चीन वार्ताएं भी बाजार में सावधानी बढ़ा रही हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फेड का फैसला आने तक सोने की कीमतें सीमित दायरे में रह सकती हैं। अगर फेड रिजर्व ब्याज दर में उम्मीद से अधिक कटौती करता है, तो गोल्ड में फिर तेजी आ सकती है।
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