कच्च तेल दबाव में दिख रहा है। क्रूड में लगातार चौथे दिन दबाव है। क्रूड 104 डॉलर तक पहुंचने के बाद फिसल गया है। ब्रेंट का भाव 103 डॉलर के नीचे पहुंच गया है। WTI में 94 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। MCX पर कच्चे तेल के दाम करीब 2 फीसदी गिरे हैं। MCX पर इसमें 7550 रुपए के नीचे कारोबार हो रहा है।
क्यों बना क्रूड में दबाव?
सेंट्रल बैंकों की सख्ती से क्रूड की कीमतों पर दबाव बना है। जुलाई में अमेरिका में दरें बढ़ सकती हैं। US FED अपनी अगली बैठक में दरें 0.75-1 फीसदी बढ़ा सकता है। बढ़ती महंगाई से भी मांग पर दबाव है। ग्लोबल मंदी के कारण मांग पर दबाव बना है। गुरुवार को US के GDP आंकड़े आएंगे। क्रूड की चाल पर नजर डालें तो BRENT 1 हफ्ते में 3.47 फीसदी टूटा है तो वहीं, WTI 5.65 फीसदी टूटा है। 1 महीनें में ब्रेंट 7.57 फीसदी तो WTI 11.83 फीसदी टूटा है। जबकि 1 साल में BRENT 37.69 फीसदी भागा है। इसी अवधि में WTI 30.44 फीसदी चढ़ा है।
US में नेचुरल गैस के भाव 5 हफ्तों की ऊंचाई पर दिख रहे हैं। EU, UK में भी दाम 5 महीनों की ऊंचाई पर हैं। EIA का कहना है कि US में इसकी इन्वेंटरी 34 bcf बढ़ी है। बिजली की मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल आया है। अमेरिका में एयर कंडीशनर की मांग बढ़ी है। रूस नॉर्ड स्ट्रीम से सिर्फ 40 फीसदी ही सप्लाई कर रहा है। रूस का कहना है कि तेल पर कैप लगाने वाले देशों को सप्लाई नहीं की जाएगी। नेचुरल गैस के दाम पर नजर डालें तो इसमें US में 1 हफ्ते में 13 फीसदी तो 1 महीनें में 30 फीसदी की बढ़त हुई है।
MCX पर बेस मेटल्स की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। MCX पर एल्युमीनियम 1 फीसदी से ज्यादा लुढ़का है। जिंक, कॉपर, लेड में भी गिरावट जारी है। कॉपर का भाव मार्च के हाई से 30 फीसदी गिरा है। फेड की बैठक से पहले कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है। डॉलर इंडेक्स
106 के ऊपर कायम है। चीन में मांग गिरने से भी कीमतों पर दबाव है। चीन में Evergrande के CEO और CFO ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
एग्री कमोडिटी की बात करें तो रूस-यूक्रेन के बीच हुई ग्रेन डील हुई है। इस डील के होने से यूक्रेन से फिर अनाज का एक्सपोर्ट शुरू होगा। ब्लैक सी के रास्ते अनाज एक्सपोर्ट होगा। इस डील में तुर्की और UN ने अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि अनाज से भरे जहाज ब्लैक सी में फंसे हैं। इस डील के चलते अब जहाज एक्सपोर्ट के लिए निकल सकेंगे। यूक्रेन के बंदरगाहों पर रूस हमला नहीं करेगा। तुर्की और US जहाजों का निरीक्षण करेंगे। रूसी अनाज और फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट होगा।