अगर आप अपनी पुरानी ज्वेलरी बेचना चाहते हैं तो पहले उसका इनवॉयल तलाश लें। फिर इनवॉयस के साथ उसी ज्वेलर के पास जाए, जहां से आपने इसे खरीदा है तो फिर आपको अपनी ज्वेलरी के बदले अच्छा अमाउंट मिल जाने की उम्मीद है।
इंटीरियर डिजाइनर सुधा ने 27 मार्च को सोने (Gold) की कीमत 48,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच जाने पर अपने लोकल ज्वेलर के पास गईं। 43 साल की सुधा अपनी पुरानी ज्वेलरी बेचना चाहती थीं। इसे उन्होंने 2004 में खरीदा था, जब सोने का प्राइस 6,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था। 18 साल में इस ज्वेलरी पर उन्होंने सालाना 11.87 फीसदी रिटर्न हासिल किया था। लेकिन, 82 ग्राम की गोल्ड नेकलेस और कुछ बैंगल्स की वैल्यू निकालना आसान काम नहीं था।
सुधा कहती हैं, "चूंकि मेरी मां ने ज्वेलरी का बिल संभालकर नहीं रखा था, जिससे मुझे पता नहीं चला कि उन्होंने किस दुकान से इसे खरीदा था। कुछ ज्वेलर्स के पास मैं गईं, लेकिन उन्होंने इसके बदले मुझे कैश देने से इनकार कर दिया।"
सुधा ऐसी दिक्कत का सामना करने वाली अकेला व्यक्ति नहीं हैं। आम तौर पर यह कहा जाता है कि सोना इनवेस्टमें का सबसे सुरक्षित माध्यम है और मुश्किल वक्त में यह सुरक्षा देता है। इसलिए हमें कुछ पैसा गोल्ड में जरूर इनवेस्ट करना चाहिए।
सोने की कीमत जिस दिन 48,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई थी, उस दिन मनीकंट्रोल डॉट कॉम की टीम ने टियर 1 और टियर 2 शहरों की 25 ज्वेलरी शॉप का विजिट किया। सभी ने ओल्ड ज्वेलरी लेकर कैश देने से इनकार कर दिया।
वे पुरानी ज्वेलरी के वजन के बराबर नई ज्वेलरी देने को तैयार थे। इस रिपोर्टर ने अपने कुछ पुराने कॉइन बेचने की भी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। सोने की बात तो छोड़ ही दीजिए, चांदी के बदले भी पैसे देने को कोई तैयार नहीं हुआ।
ज्वेलर्स क्यों नहीं खरीदते हैं पुरानी ज्वेलरी?
एक बात जो ध्यान में रखने वाली है कि इंडिया में ज्यादातर ज्वेलर्स गोल्ड रिटेलर्स हैं। जिस तरह से रोजमर्रा की चीजें दुकानदार वापस नहीं लेते हैं, उसी तरह ये ज्वेलर्स भी पुरानी ज्वेलरी एक्सेप्ट नहीं करते हैं।
पीपल ग्रुप ऑफ ज्वेलर्स के डायरेक्टर राजीव पोपली ने कहा, "ज्वेलरी रिटेलर्स पुरानी ज्वेलरी नहीं लेते हैं। कुछ खास ज्वेलर्स हैं, जो पुरानी ज्वेलरी लेते हैं और वे यह जानकारी अपने स्टोर के बाहर डिस्प्ले करते हैं। मुंबई में झावेरी बाजार और ओपेरा हाउस के आसपास के ज्वेलर्स ओल्ड ज्वेलरी लेकर कैश देते हैं।"
इन स्टोर्स पर भी आपको अपनी पुरानी ज्वैलरी की सही वैल्यू नहीं मिलेगी। इस रिपोर्टर ने जब एक ज्वेलर से पूछा कि वह क्यों पुरानी ज्वेलरी एक्सेप्ट करता है तो उसने कहा, "गोल्ड का प्राइस बाहरी वजहों की वजह से चढ़ा है, जिसमें यूक्रेन क्राइसिल और क्रूड ऑयल में तेजी शामिल है। जल्द यह ट्रेंड बदल जाएगा। फिर हमें लॉस उठाना पड़ेगा।" इस ज्वेलर ने रिपोर्टर को उस दिन पुरानी ज्वेलरी नहीं बेचने की सलाह दी, जिस दिन कीमत पीक पर होती है।
चूंकि ज्वेलरी खरीदने और बेचने के रेट्स अलग-अलग होते हैं, जिससे पुरानी ज्वेलरी की सही कीमत पाना मुश्किल होता है। आप सेलिंग रेट (जिस पर आप ज्वेलरी खरीदते हैं) और परचेंजिंग रेट (जिस प्राइस पर आपके ज्वेलरी खरीदी जाती है) पता कर सकते हैं। आप इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स से रेट्स हासिल कर सकते हैं। 8955664433 पर मिस्ड कॉल देने से भी आपको उस दिन का रेट मिल जाएगा।
अगर आप अपनी पुरानी ज्वेलरी बेचना चाहते हैं तो पहले उसका इनवॉयल तलाश लें। फिर इनवॉयस के साथ उसी ज्वेलर के पास जाए, जहां से आपने इसे खरीदा है तो फिर आपको अपनी ज्वेलरी के बदले अच्छा अमाउंट मिल जाने की उम्मीद है।
कम से कम 20 ज्वेलर्स ने उन ज्वेलरी को खरीदने से इनकार कर दिया, जिसे उन्होंने नहीं बेचा था। वे कीमत में फर्क का पता कैसे लगाएंगे?
पोपली ने कहा, "प्यूरिटी और मेक के अलावा सही इनवॉयस भी ज्वेलर को यह बताता है कि सोना सही है और इसका स्रोत संदिग्ध नहीं है।"
चूंकि इंडिया में हॉलमार्किंग एक साल पहले अनिवार्य बनाई गई है, जिससे आपकी पुरानी ज्वेलरी पर हॉलमार्क होने की उम्मीद कम है। एलएमएस ज्वेलर्स के एक इंप्लॉई ने बताया, "कैरेट वैल्यू कम होने से ज्वेलर की इमेज पर असर पड़ता है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के साथ हमारा रजिस्ट्रेशन होता है। हम बगैर हॉलमार्क वाली ज्वेलरी नहीं लेते हैं।"
गोल्ड ज्वेलरी खरीदना इनवेस्टमेंट नहीं है
कई ज्वेलर्स ने बताया कि ज्वेलरी खरीदने का मतलब सोने में इनवेस्टमेंट नहीं है। आपको समझना होगा कि आपने ज्वेलरी खरीदी है न कि सोना।
आपको क्या करना चाहिए?
इसलिए अगर आप फ्यूचर के लिए जैसे बच्चों की शादी या इनवेस्टमेंट के लिए सोना खरीदना चाहते हैं तो आपको गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स की गोल्ड स्कीम और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इनवेस्ट करना चाहिए।