सरकार ने दलहन में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को मंजूरी दे दी है और अब तक 1500 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के लिए करार भी हो चुका है। सरकार ने पहली बार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत की है। नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने कई राज्यों के किसानों के साथ करार किया है। गुजरात, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड के किसानों के साथ करार किया है। अभी तक 1500 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के लिए करार हुआ ।
नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने कई राज्यों के किसानों के साथ कांट्रैक्ट फार्मिंग के लिए करार किया है. सरकार का मकसद दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। बाजार के भाव और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में से जिसका भी भाव ज्यादा हुआ, सरकार उसी कीमत पर खरीदारी करेगी। इतना ही नहीं, अगर करार सफल रहता है तो सरकार इसका दायरा भी बढ़ाएगी।
गौरतलब है कि सरकार अभी कई देशों से दालों का आयात करती है। म्यांमार, तंजानिया, मालवी, कनाडा जैसे देशों से दालों का आयात किया जा रहा है। यहां आपको बताते चलें कि इस साल यानी 2024 में 47 लाख टन दाल का आयात हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि 31 मिलियन हेक्टेयर में दलहन की खेती होती है। प्राइवेट प्लेयर्स को भी शामिल करने की मांग है। देश में बड़ी संख्या में छोटी-छोटी जमीनों पर खेती होती है। डेढ़-2 महीनों में तुअर के दाम 40 रुपये प्रति किलो गिरे है। अच्छा रिस्पॉन्स मिलने से किसानों का रुझाव बढ़ेगा। आगे कीमतें बढ़ने की उम्मीद कम है।