Get App

दालों पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की होगी शुरूआत, जानिए कितना होगा फायदा

सरकार ने दलहन में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को मंजूरी दे दी है और अब तक 1500 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के लिए करार भी हो चुका है। सरकार ने पहली बार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत की है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 31, 2024 पर 1:34 PM
दालों पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की होगी शुरूआत, जानिए कितना होगा फायदा
सरकार अभी कई देशों से दालों का आयात करती है। म्यांमार, तंजानिया, मालवी, कनाडा जैसे देशों से दालों का आयात किया जा रहा है।

सरकार ने दलहन में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को मंजूरी दे दी है और अब तक 1500 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के लिए करार भी हो चुका है। सरकार ने पहली बार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत की है। नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने कई राज्यों के किसानों के साथ करार किया है। गुजरात, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड के किसानों के साथ करार किया है। अभी तक 1500 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के लिए करार हुआ ।

नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने कई राज्यों के किसानों के साथ कांट्रैक्ट फार्मिंग के लिए करार किया है. सरकार का मकसद दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। बाजार के भाव और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में से जिसका भी भाव ज्यादा हुआ, सरकार उसी कीमत पर खरीदारी करेगी। इतना ही नहीं, अगर करार सफल रहता है तो सरकार इसका दायरा भी बढ़ाएगी।

गौरतलब है कि सरकार अभी कई देशों से दालों का आयात करती है। म्यांमार, तंजानिया, मालवी, कनाडा जैसे देशों से दालों का आयात किया जा रहा है। यहां आपको बताते चलें कि इस साल यानी 2024 में 47 लाख टन दाल का आयात हुआ है।

क्या सरकार के इस कदम से देश में दलहन का उत्पादन बढ़ेगा। किसानों को कितना फायदा होगा?और इंडस्ट्री इसे कैसे देखती है? इस पर सीएनबीसी-आवाज से बात करते हुए IPGA के चेयरमैन बिमल कोठारी का कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की मंजूरी देना अच्छा कदम है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा। भारत में अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों के इस्तेमाल से उत्पादन बढ़ सकता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें