
क्रिप्टो बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। अक्टूबर में रिकॉर्ड सवा लाख डॉलर के पार निकलने वाला Bitcoin 90 हजार डॉलर तक फिसल गया है। अक्टूबर में Bitcoin रिकॉर्ड $126,000 तक पहुंचा था। क्रिप्टो बाजार बिकवाली का शिकार हुआ है। इसके चलते इसका मार्केट कैप $3.1 लाख करोड़ पर आ गया है। Bitcoin का भाव $90000 तक गिरा है। क्रिप्टो में 'Coin Laundry' हो रही है। इसके चलते क्रिप्टो बाजार पर दबीव देखने को मिल रहा है।
क्रिप्टो में हुई भारी गिरावट
क्रिप्टो में हुई भारी गिरावट पर नजर डालें तो Bitcoin में इस साल अब तक 3 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, Ether जनवरी से अब तक 11 फीसद टूटा है। वहीं, Polygon में इसी अवधिमें 68 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। जबकि, Cardano जनवरी से अब तक 45 फीसदी टूटा है। Solana में जनवरी से अब कर 29 फीसदी की और Chainlink में 33 फीसदी की गिरावट आई है।
क्रिप्टो में 'Coin Laundry'
खोजी पत्रकारों के इंटरनेशनल ग्रुप ने खुलासा किया है किक्रिप्टो में 'Coin Laundry' हो रही है। अवैध गतिविधियों से जुड़ा पैसा एक्सचेंजों में आया है। 2 सालों में किक्रिप्टो एक्सचेंजों में $28 बिलियन का अवैध पैसा आया है। Binance में हुइओन ग्रुप से जुड़े वॉलेट से पैसा आया है। OKX में भी हुइओन ग्रुप से जुड़े वॉलेट से पैसा आया है। Binance में $400 मिलियन और OKX में $220 मिलियन आया है।
बता दें कि हुइओन कंबोडिया का एक बड़ा फाइनेंशियल ग्रुप है। नॉर्थ कोरियाई हैकर्स को Binance के रूप में $900 मिलियन मिले हैं। 2024 में दुनिया भर के एक्सचेंजों में घोटालों से जुड़े $4 बिलियन आये हैं। क्रिप्टो-टू-कैश ऑपरेशन से प्रमुख एक्सचेंजों तक $500 मिलियन पहुंच गया है।
रेग्युलेटरी सिस्टम के अभाव के बीच काम कर रहे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, दूसरे देशों में ‘डर्टी मनी’ (अवैध धन) भेजने के लिए सबसे नए और बड़े अड्डे बन गए हैं। यह स्थिति भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इन बातों का खुलासा ‘द कॉइन लॉन्ड्री’ (The Coin Laundry) नामक एक बड़ी जांच में हुआ है, जिसे ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (ICIJ) के साथ मिलकर किया है।
यह जांच 10 महीनों तक चली और इसमें ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘सुदेतुस्चे ज़ितुंग’, ‘ले मोंडे’ और ‘मलेशियाकिनी’ सहित 38 न्यूज़रूम के 113 रिपोर्टर शामिल हुए। इस प्रोजेक्ट ने इस बात का पता लगाया कि कैसे दुनिया भर के क्रिप्टो एक्सचेंजों ने एक ऐसी ‘शैडो इकॉनमी’ (shadow economy) बना दी है, जहां अवैध लेनदेन बड़ी आसानी से हो रहा है।
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