MP सरकार ने बारिश से प्रभावित किसानों को दी राहत, मदद के लिए गेहूं खरीद विंडो फिर से खोली

यह कदम उस बाजार को सपोर्ट करने के लिए भी उठाया गया है, जहां कीमतें MSP से नीचे गिर गई हैं, जिससे किसानों में अशांति फैल गई है। पहले रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 28 फरवरी थी, जिसे बढ़ाकर 5 मार्च कर दिया गया था। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, हालांकि, अचानक बेमौसम बारिश के कारण रजिस्ट्रेशन की विंडो 22-24 मार्च से फिर से खोल दी गई है

अपडेटेड Mar 21, 2023 पर 9:04 PM
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MP सरकार ने बारिश से प्रभावित किसानों को दी राहत (FILE PHOTO)

मध्य प्रदेश (MP) सरकार ने मंगलवार को 22-24 मार्च से आधिकारिक खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो को फिर से खोलने का फैसला किया। इससे पहले राज्य ने बेमौसम बारिश (Rain) के कारण गेहूं की फसल (Wheat Crop) को भारी नुकसान की जानकारी दी थी। इससे उन किसानों को मदद मिलेगी, जो रजिस्ट्रेशन से चूक गए हैं। उन्हें आधिकारिक खरीद चैनलों के जरिए 2125 रुपये प्रति क्विंटल के पहले ही तय MSP पर गेहूं बेचने का एक और मौका मिलेगा।

यह कदम उस बाजार को सपोर्ट करने के लिए भी उठाया गया है, जहां कीमतें MSP से नीचे गिर गई हैं, जिससे किसानों में अशांति फैल गई है। पहले रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 28 फरवरी थी, जिसे बढ़ाकर 5 मार्च कर दिया गया था।

एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, "हालांकि, अचानक बेमौसम बारिश के कारण रजिस्ट्रेशन की विंडो 22-24 मार्च से फिर से खोल दी गई है।"


मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल है, जिन्हें हाल ही में बेमौसम बारिश के कारण गेहूं, चना और सरसों की खड़ी फसलों का भारी नुकसान झेलना पड़ा है।

राज्य के नीमच, मंदसौर, रतलाम, खरगोन, दतिया, सतना और विदिशा जिलों में कुछ दिनों पहले शुरू हुई बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। पिछले साल, राज्य ने पहले लगभग सात मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था, जबकि असल खरीद लगभग 4.6 मिलियन टन थी।

कीमतों को कम करने के लिए अपने स्टॉक से पांच मिलियन टन गेहूं को निकालने के केंद्र के फैसले के कारण तीन महीने से भी कम समय में मध्य प्रदेश के कई बाजारों में गेहूं की कीमतें तीन महीने से भी कम समय में 3200 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर से 2125 रुपये प्रति क्विंटल के MSP से नीचे गिर गई हैं।

'खड़ी फसलों को नहीं हुआ ज्यादा नुकसान'

उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का गेहूं जैसी रबी की खड़ी फसलों पर बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है। हालांकि, कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि केंद्र को अभी राज्य सरकारों की ओर से जमीनी हकीकत की जानकारी मिलना बाकी है।

तोमर ने एक कार्यक्रम से अलग PTI से कहा, "शुरुआती आकलन के मुताबिक, रबी की फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।" उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकारें अभी भी खड़ी फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर रही हैं।

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उन्होंने कहा कि फसल सर्वे कराने के बाद किसानों को तत्काल राहत देने के लिए प्रदेश सरकारें स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (SDRF) का इस्तेमाल कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ज्ञापन सौंपने के बाद नेशल डिजास्टर रिलीफ फंड से और ज्यादा फंड दे सकती है।

गेहूं प्रमुख रबी फसल है और कुछ राज्यों में इसकी कटाई चल रही है। रबी की दूसरे फसलों में सरसों और चना शामिल हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते तीन दिन से देश के कई हिस्सों में बेसमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलीं।

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