पिछले कुछ साल से एशिया-पैसिफिक में दालों की मांग लगातार बढ़ रही है। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भारत की है। भारत इतना बड़ा बाजार है कि यहां मांग भी ज्यादा है और दालों का प्रोडक्शन भी। दालों की बढ़ती कीमतों पर इंडिया पल्स एंड ग्रीन मर्चेंट एसोसिएशन के चेयरमैन विमल कोठारी का कहना है, "पिछले साल भारत में दालों का उत्पादन अच्छा रहा है। अच्छी पैदावार होने के कारण सरकार ने आयात की पूरी छूट दी थी। इससे देश में भी दालों की कमी नहीं हुई। फिलहाल अधिकांश दालें MSP से नीचे बिक रही हैं। फेस्टिव सीजन से पहले चने की कीमतों में 4 रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है। लेकिन फिलहाल सप्लाई को लेकर चिंता नहीं है।