Rice Exports News:भारतीय चावल पर टैरिफ की नई दर संभव है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले चावल पर नया टैरिफ लगाने का संकेत दिया। चावल की डंपिंग का "ध्यान रखा जाएगा"। ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर के पैकेज का ऐलान किया। इस दौरान व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी किसानों ने उन्हें बताया है कि सस्ते इंपोर्ट की वजह से उनके प्रोडक्ट्स के लिए मार्केट में मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है।
ट्रंप के मुताबिक, किसानों ने चावल की गिरती कीमतों के लिए अमेरिका में भारतीय चावल की कथित डंपिंग (कम कीमत में अधिक मात्रा बेचना) को जिम्मेदार ठहराया है। किसानों के मुताबिक, यह डंपिंग वियतनाम और थाईलैंड से भी होती है।
ट्रंप ने कहा, “उन्हें डंपिंग नहीं करनी चाहिए। मैंने किसानों से ऐसा सुना है, यह गलत है। आप ऐसा नहीं कर सकते।” प्रेसिडेंट ने आगे कहा कि वह कथित डंपिंग का "ध्यान रखेंगे", लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह क्या कदम उठाएंगे।
इस साल की शुरुआत में ट्रंप पहले ही भारत से आने वाले कई सामानों पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगा चुके हैं। इसके पीछे की वजह बताई गई थी कि भारत अमेरिकी पर भारी भरकम टैरिफ लगाता है और रूस से तेल खरीदता है। इसके बाद अब चावल पर नया टैरिफ आने की पूरी आशंका है।
इंटरनेशनल मार्केट में चावल
इंटरनेशनल मार्केट में चावल के दाम 2025 में अब तक 27 फीसदी गिरे। करीब 60 मिलियन टन ट्रेड का अनुमान है इन्वेंटरी रिकॉर्ड 187 मिलियन टन पर है। दुनिया में खाया जाने वाला तीसरा बड़ा अन्न है। 100 से ज्यादा देश चावल की खेती करते हैं। दुनिया को 15 देश 90% फसल देते हैं। US 5वां सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है।
भारत की चावल उत्पादन में ग्लोबल हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। भारत की चावल उत्पादन में ग्लोबल हिस्सेदारी 28 फीसदी है जबकि चीन की 27 फीसदी, बांग्लादेश की 7 फीसदी, इंडोनेशिया की 6 फीसदी, वियतनाम की 5 फीसदी और अमेरिका की 2 फीसदी है।
इंडियन राइस एक्सपोर्ट्स फेडरेशन के प्रसिडेंट डॉ प्रेम गर्ग ने कहा कि भारत पर ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के बाद भी एक्सपोर्ट घटा नहीं है। यूएस राइस फ्यूचर्स में चावल की कीमतों में दबाव नॉन बासमती राइस में ज्यादा है। क्योंकि भारत द्वारा चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के बाद यूएस में नॉन बासमती राइस की कीमतें पीक पर चल रही थी। जब से बैन खुला है तब से नॉन बासमती की कीमतों में भी 3-4 फीसदी की तेजी आई है।
प्रेम गर्ग ने आगे कहा कि ट्रंप अगर चावल पर टैरिफ लगाते है तो भी भारत के एक्सपोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि दुनिया में भारतीय बासमती की मांग काफी मजबूत बनी हुई है। अमेरिका में भारत चावल डंपनहीं कर रहा। अमेरिकी इंपोर्टर्स ने पहले ही भारत को ऑर्डर दिए है।
भारत 6 मिलियन टन से भी ज्यादा बासमती का एक्सपोर्ट करती है। भारतीय बासमती के लिए अमेरिका एक छोटा बाजार है। टैरिफ बढ़ने का भी बासमती एक्सपोर्ट पर असर नहीं पड़ेगा ।