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Rupee Slides To All-Time Low: डॉलर की मांग के बीच रुपया लगातार चौथे सेशन में अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

Rupee Vs Dollar: अमित पाबारी ने कहा, "रुपये की कमजोरी मुख्य रूप से टैरिफ से जुड़ी चिंताओं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की वजह से हो रही है, न कि घरेलू फंडामेंटल्स में गिरावट की वजह से।" "जब तक ये शॉर्ट-टर्म इम्बैलेंस बने रहेंगे, दबाव बना रह सकता है।"पाबारी ने आगे कहा कि 90.00–90.20 एक अहम सपोर्ट ज़ोन बना हुआ

Sujata Yadavअपडेटेड Dec 16, 2025 पर 10:21 AM
Rupee Slides To All-Time Low: डॉलर की मांग के बीच रुपया लगातार चौथे सेशन में अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा
Rupee Slides To All-Time Low:करेंसी सोमवार 15 दिसंबर के 90.78 के रिकॉर्ड निचले स्तर को पार करते हुए 90.82 प्रति डॉलर पर आ गई

Rupee Vs Dollar: मंगलवार 16 दिसंबर को लगातार चौथे सेशन में भारतीय रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया। नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (NDF) पोजीशन की मैच्योरिटी से जुड़ी डॉलर की मज़बूत डिमांड और विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (FPI) के लगातार आउटफ्लो के दबाव के चलते रुपये में यह गिरावट आई।

करेंसी सोमवार 15 दिसंबर के 90.78 के रिकॉर्ड निचले स्तर को पार करते हुए 90.82 प्रति डॉलर पर आ गई।

2025 में अब तक रुपया लगभग 6–7% कम हो चुका है, जिससे यह इस साल सबसे कमज़ोर प्रदर्शन करने वाली उभरते बाज़ारों की करेंसी में से एक बन गया है। एनालिस्ट इस गिरावट का मुख्य कारण भारतीय एक्सपोर्ट पर ज़्यादा US टैरिफ को मानते हैं, जिससे ट्रेड फ्लो पर असर पड़ा है और विदेशी इन्वेस्टर का सेंटिमेंट खराब हुआ है।

विदेशी इन्वेस्टर ने इस साल $18 बिलियन से ज़्यादा कीमत के भारतीय इक्विटी बेचे हैं, जिससे बाज़ार अब तक के सबसे बड़े सालाना आउटफ्लो की ओर बढ़ रहा है। सतर्क मूड को दिखाते हुए, बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 शुरुआती कारोबार में लगभग 0.4% गिर गए।

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