चांदी के कीमतें 2011 के बाद पहली बार 40 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चल रही हैं। इसकी वजह चांदी में इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी है। इसका असर क्लीन एनर्जी सहित कई कंपनियों पर दिख रहा है। बीते महीने चांदी में 10 फीसदी से ज्यादा उछाल आया। इसका असर हिंदुस्तान जिंक, वेदांता और गोल्डियम इंटरनेशनल जैसी कंपनियों के शेयरों पर दिखा। इन कंपनियों की कमाई बढ़ने की उम्मीद में इनवेस्टर्स इनके शेयरों में इनवेस्ट कर रहे हैं।
हिंदुस्तान जिंक और वेदांता के शेयरों में तेजी
Hindustan Zinc के शेयरों में 2 सितंबर को 1 फीसदी से ज्यादा तेजी दिखी। 1 सितंबर को यह शेयर 3.9 फीसदी उछला था। 2 सितंबर को वेदांता के शेयरों में भी निचले स्तर से अच्छी तेजी दिखी। ज्वैलरी एक्सपोर्टर Goldiam International के शेयर बीते 5 कारोबारी सत्रों ने 11 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुके हैं। चांदी सोने के पीछे चलती दिख रही है। पहले सोने की कीमतों में जर्बदस्त तेजी देखने को मिली थी। इस साल अप्रैल में सोने का भाव 3,500 डॉलर प्रति औंस के पार चल गया था।
फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने की उम्मीद से बुलियन में तेजी
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में कमी करने की उम्मीद और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच सुरक्षित निवेश में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी से सोने और चांदी में खरीदारी बढ़ी है। इस साल अब तक चांदी की कीमतें 40 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुकी हैं। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी होने से सोने और चांदी की चमक बढ़ेगी। इधर, डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी कमजोरी दिखी है। यह 88 के लेवल तक पहुंच गया था। रुपये में कमजोरी से एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा।
सिल्वर ईटीएफ में भी बढ़ रही निवेशकों की दिलचस्पी
हाल में सिल्वर ईटीएफ में भी निवेश बढ़ा है। Nippon India के सिल्वर ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 10,000 करोड़ रुपये के पार हो गया है। इससे त्योहारों के सीजन से पहले मजबूत घरेलू डिमांड का संकेत मिलता है। दुनिया भर में लगातार सातवें महीने अगस्त में सिल्वर ईटीएफ का एयूएम बढ़ा है। यह साल 2020 के बाद सिल्वर ईटीएफ में तेजी का सबसे लंबा दौर है।
हिंदुस्तान जिंक को चांदी में तेजी जारी रहने की उम्मीद
चांदी की बढ़ती चमक का फायदा Hindustan Zinc को मिला है। यह चांदी के उत्पादन के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। FY25 में इसने 687 मीट्रिक टन चांदी का उत्पादन किया। यह 2030 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर 1500 मीट्रिक टन करना चाहती है। कंपनी के मैनेजमेंट का मानना है कि आने वाली तिमाहियों में चांदी की चमक बनी रहेगी। हिंदुस्तान जिंक ने इंडिया के पहले जिंक टेलिंग रीप्रोसेसिंग प्लांट का ऐलान किया है। इस पर करीब 3,823 करोड़ रुपये का निवेश होगा।