Commodity market : आम तौर पर सोने के पीछे-पीछे चांदी का नाम लिया जाता है। लेकिन फिलहाल चांदी सोने से ज्यादा चमक रही है। चांदी में बेहतर रिटर्न ने जादू कर दिया है। हाल के दिनों में ज्वेलरी शो रूम में सोने से ज़्यादा चांदी के सेक्शन में भीड़ देखने को मिल रही । आज की तारीख़ में GST और मेकिंग चार्ज मिला के 10 ग्राम सोना 1 लाख 05 हजार का पड़ रहा है तो 1 किलो चांदी के दाम हो गए हैं 1 लाख 20 हजार रुपए। पिछले तीन महीने में दोनों धातु के दाम में लगभग 19-20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ख़रीदार और बेचने वालो को भविष्य में सोने से ज्यादा रिटर्न चांदी में दिख रहा है।
सिल्वर के दाम लगातार क्यों बढ़ रहे हैं और आगे कैसी रहेगी इसकी चाल? आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं। एक सिल्वर ख़रीदार हिमिल पटेल ने कहा "हमेx चांदी में ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद है इसी लिए इसे ख़रीदने आए हैं"। वहीं, AB ज्वैलर्स के डायरेक्टर, मनोज सोनी ने कहा जैसे ही चाँदी ने 1 लाख का दाम क्रॉस किया की लोगों ने ख़रीदारी बढ़ा दी"। चांदी के भविष्य को लेकर खरीदार उत्साहित हैं। लोग निवेश के लिहाज से चांदी खरीद रहे हैं।
असल में चांदी का इस्तेमाल सिर्फ ज्वेलरी तक सीमित नहीं है। सेमीकंडक्टर, AI और सोलर इंडस्ट्री में सिल्वर का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। एशियन देशों में भी चांदी की खरीदारी बढ़ रही है। कमोडिटी एक्सपर्ट बिरेन वकील का कहना है कि कुल मिलाकर अभी और आगे जो आउटलुक नजर आता है उसमें मिडिल क्लास को निवेश और बचत के लिहाज से चांदी को ज्यादा तवज्जो दे रहा है।
चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड 2024 में रिकॉर्ड 680.5 मिलियन औंस (Moz) तक पहुंच गई, जो 2023 की तुलना में 4 फीसदी ज्यादा है। इस मांग में सबसे बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोवोल्टिक्स (PV) का है। पिछले चार सालों से मांग के आपूर्ति से अधिक होने के कारण चांदी का बाजार तेजी में रही है और 2025 में भी इसमें तेजी रहने की उम्मीद है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ने से चांदी की मांग में जोरदार बढ़त हुई है। इसके तेजी से बढ़ते इंडस्ट्रियल उपयोग ने मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा कर दिया है, जिससे चांदी की कीमतों में तेज बढ़त हुई है। 2024 में, चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड 680.5 मिलियन औंस के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। पिछले पांच वर्षों से चांदी की कमी बनी हुई है। 2024 में यह कमी लगभग 148.9 मिलियन औंस थी। कुछ पूर्वानुमान बताते हैं कि यह 2025 में थोड़ा कम होकर मिलियन औंस रह सकती है। बाजार में चांदी की सप्लाई में कमी बनी हुई। इससे इसकी कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही है।
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