चावल के उत्पादन में कटौती होने की संभावना है। हाल ही में आरबीआई द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल उत्पादन 60-70 लाख टन कम रहने की आशंका हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि उत्पादन कम होने से देश में चावल की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
चावल के उत्पादन में कटौती होने की संभावना है। हाल ही में आरबीआई द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल उत्पादन 60-70 लाख टन कम रहने की आशंका हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि उत्पादन कम होने से देश में चावल की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
वहीं दूसरी तरफ खरीफ सीजन कम होने और धान की बुआई घटी है। 9 सितंबर तक धान बुआई में 5 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। वहीं बुआई रकबा 5 फीसदी से घटकर 391 लाख हेक्टेयर रही है। इसबार चावल के उत्पादन में 60-70 लाख टन की गिरावट संभव है।
बता दें कि हाल ही में सरकार ने नॉन-बासमती के एक्सपोर्ट पर 20% ड्यूटी लगा दी थी । वहीं टूटे हुए चावल का एक्सपोर्ट पूरी तरह से बैन कर दिया गया। सरकार के बैन से आंध्र के काकीनाड़ा, विशाखापट्टन बंदरगाह माल फंसा है जबकि टुकड़ा, गैर-बासमती मिलाकर 10-11 लाख टन माल फंसा हुआ है। सरकार के चावल पर बैन लगाने के बाद कारोबारियों ने फिलहाल चावल खरीदारी रोकी है। ऐसे में 125 करोड़ से ज्यादा के सौदे ठप होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है। वहीं उत्पादन के मामले में यह चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे चावल उत्पादन वाले प्रमुख राज्यों में औसत से कम बारिश ने चावल की पैदावार को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
भारत का चावल के ग्लोबल ट्रेड में 40 फीसदी की हिस्सेदारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल का एक्सोर्ट किया। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में 1.77 करोड़ टन, 2019-20 में 95.1 लाख टन चावल एक्सपोर्ट किया गया था। वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1.6 करोड़ टन चावल एक्सपोर्ट करने का अनुमान है।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।