Bharti Airtel Q1 Result : दिग्गज टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने FY24 की पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा कर दी है। अप्रैल-जून तिमाही में एयरटेल का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 1,612 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 1,607 करोड़ रुपये था। यानी जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग फ्लैट रहा है। कंपनी ने जून तिमाही में एक्सपर्ट्स के अनुमान से कमजोर प्रदर्शन किया है। कंपनी के शेयर आज 3 अगस्त को 0.73 फीसदी की गिरावट के साथ 871.65 रुपये के भाव पर बंद हुए। हालांकि, नतीजे बाजार बंद होने के बाद जारी हुए हैं।
तिमाही के दौरान ऑपरेशन से राजस्व सालाना 14 फीसदी बढ़कर 37,440 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का कंसोलिडेटेड EBITDA 19 फीसदी बढ़ा है और यह 19,746 करोड़ रुपये हो गया है। EBITDA मार्जिन सालाना 271 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 53.7 फीसदी हो गया। जून तिमाही में ARPU सालाना आधार पर 9.28 फीसदी बढ़कर 200 रुपये हो गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 183 रुपये था। वहीं, पिछली मार्च तिमाही में यह 193 रुपये था।
जून तिमाही के अंत में टेलीकॉम कंपनी का कस्टमर बेस 38.3 करोड़ था। पोस्टपेड सेगमेंट में, अब तक का सबसे अधिक 8 लाख का शुद्ध इजाफा देखा गया। 4G सेगमेंट में, एयरटेल ने पिछले साल की तुलना में अपने नेटवर्क में 2.45 करोड़ 4G डेटा ग्राहक जोड़े हैं, जो सालाना 12 फीसदी की वृद्धि है। भारत में हाई-स्पीड और ब्रॉडबैंड की बढ़ती मांग के कारण होम बिजनेस ने सालाना 25% का रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज किया। डिजिटलाइजेशन और हाई वैल्यू वाले कस्टमर्स प्राप्त करने पर कंपनी के फोकस के कारण तिमाही के दौरान 4,13,000 ग्राहक जुड़े और टोटल बेस 65 लाख तक पहुंच गया।
भारत में कैसा रहा कंपनी का प्रदर्शन
कंपनी के इंडिया बिजनेस ने 26,375 करोड़ रुपये का तिमाही राजस्व दर्ज किया है, जो सालाना आधार पर 13 फीसदी अधिक है। वहीं, EBITDA 14,154 करोड़ रुपये है। लगातार मजबूत 4G ग्राहक जुड़ने और ARPU में वृद्धि के कारण भारत में मोबाइल सर्विसेज के राजस्व में सालाना 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बीच, डेटा और कनेक्टिविटी से संबंधित सॉल्यूशन की मजबूत मांग के कारण एयरटेल बिजनेस के राजस्व में सालाना 16 फीसदी की वृद्धि हुई।
नाइजीरियन करेंसी डीवैल्युएशन के कारण करना पड़ा खर्च
तिमाही के दौरान, एयरटेल को नाइजीरियन करेंसी डीवैल्युएशन के कारण फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते 3,416 करोड़ रुपये का खर्च करना पड़ा है। इस खर्च से पहले का लाभ सालाना 91% बढ़कर 2,902 करोड़ रुपये था।