वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जोमैटो की क्विक कॉमर्स इकाई ब्लिंकिट का रेवेन्यू दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 1,156 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का रेवन्यू 505 करोड़ रुपये था। सितंबर 2024 तिमाही में कंपनी का एडजस्टेड इबिट्डा (EBITDA) नेगेटिव 8 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा नेगेटिव 125 करोड़ रुपये था। ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों के रैपिड डिलीवरी प्लेटफॉर्म से जुड़ने के साथ ही कंपनी की परफॉर्मेंस में भी सुधार देखने को मिल रहा है।
संबंधित अवधि में कंपनी की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) भी बढ़कर 6,132 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 2,760 करोड़ रुपये था। सालाना आधार पर ब्लिंकिट की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) 24,528 करोड़ रुपये रही। ब्लिंकिट इस मामले में मार्केट लीडर कंपनी है। हालांकि, इस सेगमेंट की एक और प्रमुख कंपनी स्विगी इंस्टामार्ट के आंकड़े सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं हैं। वित्त वर्ष 2024 के आखिर में ब्लिंकिट के पास 1.6 अरब डॉलर की (GOV) थी, जबकि स्विगी इंस्टामार्ट का यह आंकड़ा 1 अरब डॉलर था।
इससे पहले ब्लिंकिट की एक और प्रतिस्पर्धी कंपनी जेप्टो ने कहा था कि उसकी GOV 1.5 अरब डॉलर है। ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू का मतलब एक तय अवधि में किसी प्लेटफॉर्म या मार्केटप्लेस पर बिके सामानों की कुल वैल्यू है, जो फीस डिस्काउंट या रिटर्न से पहले की वैल्यू है। सितंबर तिमाही के आखिर में ब्लिंकिट के स्टोर्स की संख्या 791 थी और पिछले 3 महीने में इसमें 152 स्टोर्स की बढ़ोतरी देखने को मिली। पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी के पास 411 स्टोर्स थे।
स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो, ब्लिंकिट, बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट मिनट्स जैसी इकाइयां काफी तेजी से डार्क स्टोर की संख्या में बढ़ोतरी कर रही हैं। संबंधित तिमाही में ब्लिंकिट का औसत ऑर्डर मूल्य (एओवी) 660 रुपये था, जो इंडस्ट्री के टॉप तीन खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल की समान अवधि के 607 रुपये से ज्यादा है।